India Internet Journey 2G to 5G: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार (1 अक्टूबर) को शुरू हुई इंडिया मोबाइल कांग्रेस (India Mobile Congress) से 5जी इंटरनेट सेवा (5G Internet Service) को लॉन्च कर दिया है. लंबे समय से 5जी (5G) सेवा के शुरू होने का इंतजार किया जा रहा था. 


मोबाइल फोन निर्माता काफी पहले से 5जी वाले स्मार्टफोन बाजार में उतारने लगे थे. फिलहाल देश के कुछ चुनिंदा बड़े शहरों में 5जी सेवा का लाभ लोगों को मिल सकेगा. इन शहरों में फिलहाल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, गुरुग्राम, चंडीगढ़, अहमदाबाद, गांधीनगर, जामनगर  बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे शामिल हैं.


5G से फायदा


5जी प्लान कितने महंगे होंगे, इस बारे में जानकारी आना बाकी है. 5जी सर्विस का सबसे पहला फायदा यह होगा कि नेट स्पीड बढ़ जाएगी. इससे इंटरनेट के माध्यम से चलने वाली चीजों की बिक्री में इजाफा होने की संभावना है. ऐसे चीजों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) कहा जाता है, जिनमें कई तरह की मशीनें और उपकरण शामिल हैं. इन चीजों की बिक्री बढ़ने से देश को फायदा होगा.


2जी से लेकर 5जी तक


भारत में इंटरनेट क्रांति की शुरुआत 1995 में 2जी सर्विस के लॉन्च के साथ हुई थी. 2जी से 3जी तक के सफर में देश को 14 साल लगे थे. 2009 में 3जी सर्विस लॉन्च की गई. इसके बाद 2012 में 4जी सर्विस शुरू हुई और अब 2022 में 5जी सर्विस लॉन्च की गई. दुनिया के कई देशों में पहले से ही 5जी सर्विस चल रही है. भारत को 2जी से 5जी तक पहुंचने में 27 साल और 4जी से 5जी तक आने में 10 साल लग गए. भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तेजी से बढ़ती तादाद को देखते हुए इंटरनेट की रफ्तार में इजाफा करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, इसी कड़ी में 5जी सेवा को देखा जा सकता है.


डिजिटल इंडिया मुहिम 


स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने 5जी सेवा को भी विस्तार दिए जाने का जिक्र किया था. पीएम मोदी लंबे समय से देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देते आ रहे हैं, जिसके फलस्वरूप डिजिटल इंडिया मुहिम चलाई जा रही है. डिजिटल इंडिया मुहिम को सफल बनाने में इंटरनेट सेवा का योगदान है. डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों को भी इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है, जिससे ई-गवर्नेंस परियोजनाएं चलाने में मदद मिल रही है और कई तरह की गतिविधियां हो रही हैं.


5जी टेलीकॉम स्पेक्ट्रम का आधा हिस्सा जियो के पास


भारत में हाल में 5जी टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी, जिसमें 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां लगी थीं. 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए एयरवेव्स का तकरीबन आधा भाग मुकेश अंबानी की जियो ने हासिल कर लिया था. उम्मीद जताई जा रही है कि 2030 तक देश में कुल कनेक्शन में 5जी की हिस्सेदारी एक तिहाई से ज्यादा होगी. वहीं, 2जी और 3जी की हिस्सेदारी 10 फीसदी से भी कम रह सकती है.


तेजी बढ़ रहे इंटरनेट उपयोगकर्ता


लंदन आधारित डेटा एनालिटिक्स और ब्रांड कंसल्टिंग कंपनी कंटार ग्रुप ने पिछले दिनों एक अध्ययन के आधार पर भारत में आने वाले दिनों में इटनेट सेवा के इस्तेमाल में इजाफे की संभावना जताई थी. इसी साल अप्रैल में जारी किए गए अध्ययन में कहा गया था कि पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस वर्ष दैनिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.


अध्ययन में अगले तीन वर्षों में भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक होने की संभावना जताई गई थी. इसमें कहा गया था कि इंटरनेट से ई-गवर्नेंस और कृषि तकनीक में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.


2025 तक इतने परिवार करेंगे स्मार्ट डिवाइसेज का इस्तेमाल


अध्ययन में कहा गया था कि 2025 तक लगभग 87 फीसदी भारतीय घरों में इंटरनेट कनेक्शन होगा. 2025 तक, आधे से ज्यादा ऑनलाइन खरीदार सोशल प्लेटफॉर्म से उत्पाद भी खरीदेंगे और आधे शहरी परिवारों के पास स्मार्टफोन के अलावा कम से कम एक स्मार्ट डिवाइस होगा. अध्ययन में बताया गया था कि अब तक भारत में 18 मिलियन करीब एक करोड़ 80 लाख शहरी परिवार स्मार्ट टीवी, स्मार्ट सेट-टॉप बॉक्स और अन्य स्मार्ट डिवाइसेज का इस्तेमाल करते हैं, 2025 तक ऐसे परिवारों की संख्या बढ़कर पांच करोड़ हो जाएगी.


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