नई दिल्ली: देश में इस मानसूनी मौसम में अब तक 37 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हो चुकी है.  देश में 21 जून तक सामान्य बारिश 10.05 सेंटीमीटर के मुकाबले 13.78 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसकी जानककारी दी.  मौसम विभाग ने एक बयान में कहा, “इस साल के दक्षिणपश्चिम मानसून के मौसम में 21 जून तक संचयी वर्षा दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से करीब 37 प्रतिशत ज्यादा हुई.” विभाग ने कहा कि इस अवधि में उत्तर-पश्चिम भारत में 40.6 मिलीमीटर सामान्य बारिश के मुकाबले 71.3 मिलीमीटर बारिश हुई जो 76 प्रतिशत ज्यादा है.


बयान में कहा गया कि मध्य भारत में 145.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो सामान्य बारिश 92.2 मिलीमीटर के मुकाबले 58 प्रतिशत ज्यादा है. इसमें कहा गया कि दक्षिणी प्रायद्वीप में 133.6 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 24 प्रतिशत ज्यादा है. विभाग के मुताबिक पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में इस अवधि में 253.9 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस दौरान बारिश सामान्य रूप से 224.8 मिलीमीटर दर्ज की जाती है.


विभाग के मुताबिक केरल में दो दिन की देरी से पहुंचने के बाद मानसून देश में तेजी से बढ़ा और यह पूर्वी, मध्य और उससे लगे उत्तरपश्चिम भारत में सामान्य समय से 7 से 10 दिन पहले पहुंच गया. दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों, हरियाणा और पंजाब समेत देश के बचे हुए इलाकों में हालांकि अगले सात दिनों में इसके और आगे बढ़ने की संभावना कम ही है.


दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में मानसून के लिए एक सप्ताह और करना पड़ सकता है इंतजार
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि अगले सात दिनों के दौरान दिल्ली और राजस्थान, हरियाणा तथा पंजाब के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की ‘‘संभावना नहीं’’ है.


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आईएमडी ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अब तक राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में छा चुका है. बयान में कहा गया है कि इस वर्ष मानसून की मुख्य विशेषता पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से पहले आगे बढ़ना है. हालांकि अगले सात दिनों के दौरान देश के शेष हिस्सों में इसके और आगे बढ़ने की संभावना नहीं है.