नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कोलकाता में फाइनेंसिंग, ऑटोमोबाइल और रियल स्टेट से जुड़े एक व्यवसायिक घराने पर छापेमारी की. विभाग का दावा है कि छापेमारी के दौरान 450 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला. छापेमारी के दौरान डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की नगदी बरामद हुई और साथ ही उक्त व्यवसायिक समूह ने आयकर विभाग के सामने 105 करोड़ रुपए की अघोषित आय कबूल की.


आयकर विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला आयकर विभाग के विभागीय डेटाबेस में उपलब्ध आंकड़ों और उन आंकड़ों के आधार पर की गई आरंभिक जांच के दौरान वित्तीय विवरणों के विश्लेषण समूह के बारे में बाजार से एकत्र की गई खुफिया जानकारियों और इस बाबत कुछ लोगों से की गई पूछताछ के आधार पर दर्ज किया गया था.


आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि यह व्यवसायिक समूह तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर आयकर की चोरी कर रहा है. साथ ही आयकर चोरी करने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों का सहारा भी लिया जा रहा है. आरंभिक जांच में यह भी पाया गया था कि आयकर चोरी को छुपाने के लिए अनेकों शैल कंपनियों का भी सहारा लिया गया है.


आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक आरंभिक जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि व्यवसाय गुर्प ने फाइनेंस में भी अवैध तरीके से पैसा लगाया हुआ है जिसका रिकॉर्ड दस्तावेजों में कुछ और है जबकि वास्तविक सच्चाई कुछ और है. यह भी पता चला फाइनेंसिंग अनेक क्षेत्रों में की गई है. आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक सूचना के आधार पर आयकर विभाग की विभिन्न टीमों ने पिछले 2 दिनों से लगातार इस व्यवसाई ग्रुप के अनेक ठिकानों पर सर्वे और छापेमारी की.


इस छापेमारी के दौरान अनेक ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जिनसे पता चलता था कि कंपनी की अनेक इकाइयां लोगों को अनसिक्योर्ड लोन देती थी. साथ ही दस्तावेज अवैध पूंजी के रूप में गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की बिक्री का खुलासा करते हैं. दस्तावेजों की जांच से पता चला कि पेनी स्टॉक की बिक्री पर अघोषित नकद ऋण की अग्रिम बुकिंग और इसके जरिए तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बेहिसाब कमीशन ब्याज आदि भी लिए जाने संबंधी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं.


कुछ दस्तावेजों की आरंभिक जांच से पता चला कि बड़े पैमाने पर धन ऐसे ग्रुपों को भी दिया गया है जिनके तार बड़े लोगों से जुड़े हुए हैं आयकर विभाग अपनी जांच के दौरान यह भी पता लगाएगा किन बड़े लोगों में कितने अधिकारी या नेता शामिल हैं और इस पैसे का प्रयोग कहां-कहां किस तरह से किया गया था.


आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक 2 दिन चली छापेमारी के दौरान लगभग 450 करोड़ रुपए के अवैध लेन देन का पता चला है.साथ ही इस व्यवसायिक ग्रुप के निवेशकों से जब दस्तावेज दिखाकर पूछताछ की गई तो उन्होंने इस पूछताछ के दौरान 105 करोड़ रुपए की अघोषित आय का होना कबूल किया है. इस छापेमारी के दौरान डेढ़ करोड़ से अधिक की नकदी भी बरामद की गई जिनका किताबों में कोई हिसाब नहीं था. फिलहाल इस मामले में जो भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं उनके आधार पर मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है और इस जांच के दौरान अनेक बड़े खुलासे भी हो सकते हैं.


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