Jammu Kashmir Snowfall News: जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जनवरी के महीने में भी बर्फबारी की संभावना बहुत कम होने की वजह से लद्दाख का क्षेत्र संभावित सूखे जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है. कश्मीर मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार अहमद के अनुसार 25 जनवरी तक इन क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की बहुत कम संभावना है. हालांकि, दो कमजोर पश्चिमी विक्षोभ आएंगे, लेकिन वो सिर्फ ऊंचे पहाड़ों पर थोड़ी बर्फबारी ही लाएंगे. जिस का मतलब है कि इस महीने भी कश्मीर घाटी या लद्दाख में बर्फबारी नहीं होगी.


कश्मीर की गुरेज घाटी के तुलैल इलाके में शनिवार (13 जनवरी) की सुबह कुछ बर्फबारी हुई. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस क्षेत्र में केवल एक इंच से अधिक बर्फबारी हुई, लेकिन जनवरी के दौरान घाटी आमतौर पर 10-20 फीट तक बर्फ से ढकी हुई दिखाई देती थी, जो चिंता बढ़ा रही है.


नदियों के बहाव में आई गिरावट


पूरी कश्मीर घाटी में कम या बिल्कुल बर्फबारी की सूचना नहीं मिलने से स्थानीय लोगों को कृषि, बागवानी और पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ने का डर सताने लगा है. चिंता को बढ़ाने वाली बात यह है कि नदियों में पानी के बहाव में अनुमानित गिरावट आई है, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 100 फीसदी बिजली की आपूर्ति करने वाली जलविद्युत परियोजनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है.


गांदरबल जिले के एक सेब किसान उमर रैना ने कहा, "हमारे किसानों को आने वाले महीनों में कम या बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं होने का परिणाम भुगतना पड़ेगा. जब वे अपने बगीचों और खेतों में काम करना शुरू करेंगे तो गर्मियों में पानी की कमी होगी."


जनवरी में नहीं होगी बर्फबारी- मौसम विभाग


मौसम विभाग की ओर से जनवरी के अंत तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी नहीं की गई है. यहां अधिकतम तापमान भी 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है, जो सामान्य से 10-12 डिग्री अधिक है. जबकि कश्मीर घाटी में अभी भी पानी की आपूर्ति को फिर से भरने के लिए अगले दो महीनों में कुछ बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है. 


हालांकि, बर्फबारी नहीं होने के कारण श्रीनगर-कारगिल की तरफ लद्दाख से सड़क संपर्क खुला हुआ है, क्योंकि जोजिला दर्रे पर बर्फ नहीं है. आमतौर पर दिसंबर से 4-5 महीनों तक बर्फबारी के कारण यह रास्ता बंद रहता है. कारगिल में एक फल विक्रेता अजहर अली ने कहा, "कारगिल में हमारे पास ताजे फल और सब्जियों की आपूर्ति है. हमारे पास ताजा केले, पपीता, संतरे और अन्य फल हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि वे जमे हुए नहीं हैं."


बर्फबारी नहीं होने से खुली हैं सड़कें


जनवरी के दौरान इस क्षेत्र का तापमान शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज होने के कारण फल और सब्जियां बहुत अधिक ठोस हो जाती थीं, जिससे भंडारण करने और बेचने में मुश्किल हो जाती थी. लद्दाख के लोग इस बात से खुश हैं कि कम बर्फबारी के कारण सड़कें खुली हैं. वहीं विशेषज्ञ उम्मीद से अधिक गर्म तापमान के कारण बागवानी और कृषि को बड़े नुकसान की चेतावनी दे रहे हैं.


कश्मीर मौसम विभाग के निदेशक ने कहा, ''यहां मौसम के पैटर्न में बदलाव की वजह से फलों के पेड़ों में जल्दी फूल आ सकते हैं. इससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा क्योंकि अभी भी सर्दी है, इसके कारण किसी भी समय तापमान में अचानक गिरावट हो सकती है.''


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