IBPS Exam Fraud Case: अब से करीब 9 साल पहले हुई आईबीपीएस क्लर्क भर्ती परीक्षा में दूसरे व्यक्तियों की जगह पर परीक्षा देने वाले अभियुक्तों को सीबीआई कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. इसमें हिमाचल प्रदेश के एडीएम नवीन तंवर भी शामिल हैं. इसके साथ ही कोर्ट हर दोषी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में कुल 6 दोषियों को सजा सुनाई गई.


साल 2014 में आईबीपीएस क्लर्क भर्ती में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे नवीन तंवर, अजयपाल सांगवान, अमित सिंह, सुग्रीव सिंह गुर्जर और हनुमत गुर्जर को पकड़ा था. वर्तमान में नवीन तंवर हिमाचल के भरमौर चंबा में एडीएम के पद पर तैनात है. नवीन तंवर कोर्ट में पेश नही हुआ जिस पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए.


सीबीआई ने क्या कहा?


सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि अदालत में पेश नहीं होने वाले छठे आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है और सजा सुनाने के लिए 21 मार्च की तारीख तय की गई है. गाजियाबाद स्थित सीबीआई अदालत के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने छह आरोपियों को दोषी ठहराया है, जिनमें बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा 2014 में आयोजित परीक्षा में किसी अन्य के जगह पेपर देने वाले नवीन तंवर और सावन कुमार, अभ्यर्थी अमित सिंह तथा अजय पाल सिंह और बिचौलिये सुग्रीव सिंह गुर्जर तथा हनुमत सिंह गुर्जर शामिल हैं.


क्या है पूरा मामला?


13 दिसंबर 2014 को गोविंदपुरम के आइडियल इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आईबीपीएस क्लर्क भर्ती परीक्षा थी. सीबीआई को जानकारी मिली की अभ्यर्थियों की जगह पर मुन्ना भाई बनकर दूसरे युवर परीक्षार्थी बनकर ये परीक्षा दे रहे हैं. मौके पर पहुंची सीबीआई की टीम ने अमित सिंह और अजय पाल की जगह पर परीक्षा दे रहे नवीन तंवर और अजयपाल सांगवान को पकड़ा था. वहीं, सुग्रीव गुर्जर और हनुमत सिंह गुर्जर ने इन दोनों को सॉल्वर देने के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाई थी. इस मामले की आखिरी सुनवाई गुरुवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में हुई.


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