नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन अस्त्र इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के बाद अब देश में युद्ध स्तर पर इसके संधान की तैयारियां चल रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अगले सप्ताह से मिशन टीकाकरण शुरू हो जाने की उम्मीद है. ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों में कई दौर के ट्रायल और हर ज़रूरतमंद व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाने की फुलप्रूफ व्यवस्था के कील कांटे फिलहाल कसे जा रहे हैं.


निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के करीब 10 दिन बाद इसके रोल आउट की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. ऐसे में 13 जनवरी के बाद सरकार टीकाकरण रोलआउट को अंजाम देने की स्थिति में होगी. ध्यान रहे कि भारत में फिलहाल दो कोरोना वैक्सीन को रिस्ट्रिक्टेड इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन यानि सीमित आपात उपयोग की अनुमति दी गई. इसमें ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रज़ेनका के साथ संयुक्त प्रयास में पुणे स्थित कम्पनी सिरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार कोवीशील्ड और हैदराबाद की कम्पनी भारत बायोटेक में बना कोवैक्सीन शामिल है. भारतीय ड्रग रेगुलेटर डीसीजीआई ने इन दोनों टीकों को तीन जनवरी 2021 को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.


बहरहाल, वैक्सीन रोल आउट को लेकर जारी उल्टी गिनती शुरू के बीच इस बात को लेकर जिज्ञासा सहज है कि आखिर देश के दूर दराज कोनों तक यह टीका कैसे और कब तक पहुंचेगा. क्या व्यवस्था है और कैसे दी जाएगी ये पूरी प्रक्रिया हम आपको आज बताएंगे.


पहले ही तैयार हो चुका है खाका
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिया के इस सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की प्रक्रिया का खाका पहले ही तैयार कर लिया है. इसको लेकर दो बार ड्राई रन यानी मॉक ड्रिल भी किया जा चुका है. वहीं वैक्सिनेशन प्रोटोकॉल भी तैयार किया गया है. यानि टीका किन लोगों को और किस तरह दिया जाएगा. टीकाकरण के पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दिए जाने की योजना है. इसकी प्राथमिक सूची यानी प्रायरिटी लिस्ट तैयार की जा रही है. निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सबसे पहले इसे हैल्थ केयर वर्कर यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य से जुड़े लोगो को दी जाएगी. इनकी संख्या करीब एक करोड़ है.


इसके बाद करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी राज्य पुलिस, अर्ध सैनिक बल, आर्म्ड फोर्सेज, सैनिटाइजेशन वर्कर्स को दी जाएगी. इसके बाद 27 करोड़ ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है या कम मगर गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं.


राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर अलग-अलग टास्क फोर्स का गठन


टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर अलग-अलग टास्क फोर्स बनाएं है. जो स्पोर्ट्स टीकाकरण कराने का काम करेगी. लेकिन जब ये टीकाकरण शुरू होगा तो कैसे दी जाएगी कोरोना वैक्सीन, कैसे फैक्टरी से वैक्सीन सेशन साइट और फिर लाभार्थियों तक पहुंचेगा आपको बताते है.


वैक्सीन कैसे आएगी और कैसे दी जाएगी, जानिए पूरी प्रक्रिया




  • सबसे पहले वैक्सीन के मैन्युफैक्चर इसका उत्पादन करते हैं. इसके बाद ही मैन्युफैक्चरर प्राइमरी वैक्सीन स्टोर जो भारत सरकार द्वारा संचालित है, जिसे जीएमएसडी ( GMSD) डिपो कहते हैं उन तक ये वैक्सीन पहुंचाते है. ऐसे करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में. 4 बड़े जीएमएसडी डिपो हैं. इन 4 जगहों पर वैक्सीन मैन्युफैक्चरर एयर ट्रांसपोर्ट के जरिए वैक्सीन की सप्लाई करते हैं.

  •  इसके बाद GMSD डिपो से राज्य वैक्सीन स्टोर तक पहुंचती है. भारत में इस समय कुल 37 राज्य वैक्सीन स्टोर हैं. ये रेफ्रिजरेटेड या इंसुलेटेड बैंक के जरिए यहां पहुंचती है. अगर 4 GMSD डिपो और 37 राज्य वैक्सीन स्टोर को मिला दे तो 41 स्टोरेज प्वाइंट हो जाते हैं. अब इन 41 जगहों से आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है.

  • इन वैक्सीन स्टोरेज से राज्य सरकारें जिला डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर में, जोकि टेम्परेचर कंट्रोल फैसिलिटी होती है वहां वैक्सीन पहुंचाएगी. ये वैक्सीन रेफ्रिजरेटेड या इंसुलेटेड वैन जरिए पहुंचाई जाएगी.

  • इसके बाद अलग अलग वैक्सीन सेंटर जो कि चिन्हित किए गए है वहां वैक्सीन ट्रांसपोर्ट डिवाइस में भेजी जाएगी जो की टेम्परेचर कंट्रोल्ड होगा. ये डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, प्राइमरी हैल्थ सेंटर या सब हैल्थ सेंटर हो सकता है. वैक्सिनेशन के सेशन की तिथि और जगह जिला प्रशासन तय करेगा.

  • इसके बाद CoWin ऐप के जरिए लाभार्थी यानी जिसे ये वैक्सीन दी जानी है उसे एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा, जिसमें जगह, समय और देने वाले के नाम जैसी जानकारी होगी.

  •  वैक्सीन मिलने CoWin ऐप पर जानकारी अपलोड की जाएगी और अगली तारीख भी एसएमएस के जरिए पता चलेगी.वहीं दोनों डोज मिल जाएंगी तो क्यूआर कोड आधारित एक डिजिटल सर्टिफिकेट जनरेट किया जाएगा. इसे लाभार्थी अपने पास डिजिटली रख सकता है.

  • इसके अलावा अगर AEFI (एडवरस इफेक्ट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन) की स्थिति यानी कोई दुष्प्रभाव देखा जाता है तो उसकी जानकारी भी इस CoWin के जरिए दी जाएगी.

  • इस पूरी प्रक्रिया CoWin से जुड़ी हुई है. हर चीज़ की डिटेल इस पर होगी. वहीं एसएमएस भी 12 भाषाओं में उपलब्ध है.

  • पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को यह वैक्सीन दी जानी है जिसमें से एक करोड़ हेल्थ केयर वर्कर और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर है. हैल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं, इन का डाटा सरकार के पास है.


फिलहाल इन प्राथमिकता ग्रुप की जानकारी सरकार के पास है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक अब तक 75 लाख से ज्यादा लोगों का इस ऐप पर डाटा आ चुका है. वहीं अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक ये CoWin ऐप लोगों के सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध नहीं है. जल्द इसे किया जाएगा. वहीं CoWin ऐप को लेकर राज्य सरकार और जिला सत्र पर ट्रेनिंग दी जा चुकी है


भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑपरेशनल गाइडलाइन बनाई है. इसमें कैसे टीकाकरण किया जाएगा इसका पूरा खाका तैयार है.


कैसे और क्या है कोरोना वैक्सीन के गाइडलाइन




  • पहले चरण में करीब 30 करोड लोगों को वैक्सीनेट किया जाएगा. इसमें हैल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 50 साल से ज्यादा वो लोग जिन्हें कोई और बीमारी भी है. हैल्थ केयर वर्कर यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स जैसे लोगो जो सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में काम करते है. फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी तीनों सेना, पैरा मिलिट्री फोर्सेस, मुनिसिपल वर्कर और राज्य की पुलिस.

  • टीकाकरण के लिए पांच लोगो की टीम होगी. इन्हे वैक्सीनेटर ऑफिसर कहा जाएगा. पहला वैक्सीनेटर ऑफिसर एंट्री पर होगा जो दस्तावेज़ देखने के बाद ही सेंटर में आने देगा. इसका बाद दूसरा ऑफिसर Co Win से डाटा मिलाएगा. तीसरा वैक्सीनेटर ऑफिसर डाक्टर होगा और वहीं वैक्सीन देगा. बाकी दो वैक्सीनेटर 30 मिनट तक मरीज को देखेंगे और भीड़ का नियंत्रण भी करेंगे.

  • टीका लगाने का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. एक दिन में करीब एक सेशन होगा और इसमें करीब 100 से 200 लोगो को वैक्सीन दी जाएगी.

  • टीका लगने के बाद 30 मिनिट तक इंतजार करना होगा.

  • टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन सिर्फ Co Win ऐप पर ही होगी. केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा अपलोड किया जा सकता है. इसके अलावा 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति जिन्हें कोई और बीमारी है वो खुद भी अपनी जानकारी अपलोड कर सकते हैं.

  • अगर कोई व्यक्ति खुद से अपनी जानकारी अपलोड कर रहा है तो 15 डाक्यूमेंट्स मैं से कोई उन्हें देने होंगे. यह आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट, कार्ड जोकि केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किया गया हो, MNREGA जॉब कार्ड, पैन कार्ड पासबुक बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी की गई, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट, सर्विस आईडेंटिटी कार्ड वोटर कार्ड.

  • वैक्सीनेशन के दौरान दूरी और साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाएगा. इसको लेकर राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर बनाई गई कमेटियों की बैठक भी हो चुकी है.

  • वैक्सीनेशन के बाद सिरिंज और बाकी मेडिकल वेस्ट को कैसे निपटा रन करना है इसके भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं राज्यों में वैक्सीन स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज, वैक्सीनेटर, जिस जगह वैक्सीन दी जाएगी वो सब तैयार कर लिया है.


फिलहाल सरकार शुरू में ये वैक्सीन प्रायरिटी ग्रुप में हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को देगी और ये वैक्सीन फ्री होगी. इनके डेटा सरकार के पास और जब वैक्सीन लगने की प्रक्रिया शुरू होगी तो इन्हे CoWin ऐप के जरिए एसएमएस से जानकारी दे दी जाएगी.


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