Parliamentary Committee Suggestions: भारतीय संसद की गृह मामलों पर बनी संसदीय कमेटी ने लोकसभा और राज्यसभा में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. संसदीय समिति ने अपनी 252वीं रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय जानकारी इकट्ठा करे कि भारत में अवैध रूप से घुसे कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं. समिति की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कई जगहों पर रोहिंग्या रहते हैं, ऐसे में गृह मंत्रालय अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की पहचान करके इन्हें वापस इनके देश भेजने के लिए कदम उठाए.
अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की पहचान और उन्हें भारत से वापस उनके देश भेजने के सुझाव के साथ ही संसदीय समिति ने भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा को और सुरक्षित करने का सुझाव दिया है. समिति ने रिपोर्ट में कहा कि गृह मंत्रालय बाड़ (फेंसिंग) के काम को तेजी से पूरा करे और यह सुनिश्चित करे कि इसके लिए दिए गए सभी पैसे सही ढंग से इस्तेमाल हों. साथ ही समय-समय पर सीमाओं का निरीक्षण किया जाए, ताकि कमियों का पता लगाया जा सके और पैसे सही जगह खर्च किए जाएं.
स्मार्ट फेंसिंग बढ़ाने का सुझाव दिया गया
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को ज्यादा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (संयुक्त जांच चौकियां) बनाने का भी सुझाव दिया और कहा कि व्यापार और यात्रा आसान हो, लेकिन सुरक्षा बनी रहे ऐसे में गृह मंत्रालय को स्मार्ट फेंसिंग (स्मार्ट बाड़) को बढ़ाना चाहिए, जो कंप्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) का हिस्सा है. समिति के मुताबिक फेंसिंग के साथ-साथ सीमा सुरक्षा में नई तकनीकों का इस्तेमाल होना चाहिए, जैसे - थर्मल इमेजर, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर, रडार और सोनार सिस्टम, ताकि एक अदृश्य (न दिखाई देने वाली) इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा दीवार बनाई जा सके, जिससे सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी और भारत की सीमा सुरक्षा मजबूत होगी.
जनगणना की तैयारी हुई पूरी
बीजेपी के सांसद डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल की अध्यक्षता में पेश की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट में सुरक्षा और अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को चिन्हित और निकालने के अलावा संसदीय समिति ने जल्द जनगणना का भी काम पूरा करने का भी सुझाव दिया है. रिपोर्ट में संसदीय समिति के जानकारी दी कि गृह मंत्रालय ने उसे जनगणना के विषय में बताया कि जनगणना से जुड़ी कई तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और तकनीकी सुधार का काम जारी है. साथ ही जब भी जनगणना शुरू होगी तो जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बजट मांगा जाएगा.
सरकार ने समिति को यह भी जानकारी दी कि जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए 1,309.46 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था, लेकिन इस वित्त वर्ष के लिए 2025-26 के बजट में जनगणना के लिए 574.80 करोड़ का बजट तय हुआ है.
2025-26 के बजट में जनगणना का खर्च शामिल होगा
रिपोर्ट में बताया गया कि 2025-26 के बजट में जनगणना और NPR की तैयारी से जुड़ी कई गतिविधियों का खर्च शामिल होगा, जिनमें तकनीकी सुधार, जनगणना से जुड़े कर्मचारियों के वेतन और भत्ते, नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System), सैंपल पंजीकरण प्रणाली (Sample Registration System), भू-स्थानिक मानचित्रण (Geospatial Mapping), आईटी और भाषा विभागों पर होने वाला खर्च शामिल है.
साथ ही असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) डेटा सेंटर के संचालन और रखरखाव के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया गया है और NRC से जुड़ी सुरक्षा आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा गया है. साथ ही जैसे-जैसे जनगणना की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, बजट की जरूरतें भी उसी के अनुसार तय की जाएंगी.
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