Amit Shah on National Anti Conversion Law: श्रद्धा मर्डर केस के बाद से ही एक बार फिर कई तरह की बहस शुरू हो चुकी है. क्योंकि आफताब नाम के युवक पर इस हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है, ऐसे में कई बीजेपी नेता इसे लव जिहाद से जोड़कर देख रहे हैं. इसके साथ ही देश में धर्मांतरण को लेकर एक सख्त कानून लाने की भी बात हो रही है. इस पर अब खुद गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है. जिसमें उन्होंने ये साफ किया कि जबरन धर्म परिवर्तन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. अमित शाह ने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. 


'बीजेपी शासित राज्यों ने बनाए हैं कानून'
टाइम्स नाउ नवभारत के समिट में पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने धर्म परिवर्तन को लेकर कहा, जहां-जहां बीजेपी की राज्य सरकारें हैं, वहां एंटी कनवर्जन लॉ बनाए गए हैं. गुजरात की बात करें तो यहां इसका सख्ती से पालन किया जा रहा है. अगर आप संविधान सभा की चर्चा को पढ़ेंगे तो धर्म का प्रचार करना और लोभ, लालच और डर दिखाकर धर्म परिवर्तन करना इन दोनों चीजों को बहुत अच्छी तरह से अलग किया गया है. आप धर्म का प्रचार कर सकते हो, लेकिन डर या लोभ देकर किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को बहुत स्पष्ट किया है. बीजेपी की राज्य सरकारों ने इसे लेकर कानून बनाए हैं और इसे सख्ती से लागू किया है. 


राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने को लेकर गृहमंत्री ने कहा, ये एक ग्रे एरिया है. इसके लिए पहले इसकी व्याख्या करनी पड़ेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर ये कानून हो सकता है या फिर नहीं. इसके अलावा भी गृहमंत्री ने तमाम मुद्दों पर इस इंटरव्यू में बात की. 


देश में सीएए होगा लागू
अमित शाह ने इस कार्यक्रम के दौरान नागरिकता कानून यानी सीएए को लेकर भी बात की. उन्होंने एक बार फिर ये साफ कर दिया कि सीएए लागू होकर ही रहेगा. गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग ये सपना देख रहे हैं कि सीएए लागू नहीं होगा वो भूल कर रहे हैं. कोरोना के चलते इस पर काम नहीं हो पाया था. ये एक वास्तविकता है और भारत का कानून है. 


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