देश में कोरोना का आंकड़ा तेज़ी से बढ़ रहा है. पिछले 24 घन्टे में देश मे कोरोना के 50 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए और अगर राजधनी की बात करे तो यहां पिछले 24 घन्टे में तकरीबन 1100 मामले सामने आए है. बढ़ते कोरोना ने दिल्ली के व्यापारियों की चिंता बड़ा दी है.


जहां इस बार वोकल फ़ॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के आव्हान पर भारत मे त्याहारों को देखते हुए भारतीय सामान का स्टॉक खरीद लिया, और इन्तेज़ार था कि बेहतर होते हालातो के साथ व्यापार को भी फायदा होगा और बाज़ार में रौनक एक बार फिर से होगी. लेकिन जिस तरह से दिल्ली में तेज़ी से कोरोना फैल रहा है इतनी तेज़ी से आम ग्राहक होली की ख़रीदारी के लिए बाज़ारों से दूर होता जा रहा है.


हर साल दिल्ली में 1500 करोड़ रुपए व्यापार होता है


जिस तरह से कोरोना दिसम्बर-जनवरी से कम हो रहा था उसकी देखते हुए दिल्ली के व्यापारियों को इस बार होली के त्योहार पर अच्छी बिक्री की उम्मीद थी.  पिछले दिनों जिस प्रकार से कोरोना के मामलों में वृद्धि आई और राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी कोविड दिशा निर्देशों के बाद तो दिल्ली के होली से सम्बंधित व्यापार में कमी होना लाज़िमी है. बीते वर्षों में होली त्योहार पर हुई बिक्री के आधार पर कैट की तरफ से एक अनुमान के तौर पर आंकड़ा दिया गया है कि प्रति वर्ष होली के मौक़े पर दिल्ली में 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यापार होता है.


इस साल व्यापार पर पड़ेगा भारी असर


जिसमें ख़ास तौर पर होली से सम्बंधित आइटम्ज़ खिलौनों के रूप में विभिन्न प्रकार के रंग, अबीर एवं गुलाल, ड्राई फ़्रूट जिससे घरों में मालाएं बनाई जाती हैं. होलिका बनाने के लिए कच्ची लकड़ी होली के त्योहार पर विशेष रूप से पहने जाने वाले करते-पाजामे, टी शर्ट, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, ठंडाई, कोल्ड ड्रिंक आदि का व्यापार बड़े पैमाने पर होता आया है. जो इस बार बिलकुल नहीं के बराबर होगा.


लोगों ने घरेलू व्यापार शुरू किया


लेकिन इस बार होली के मौके पर घरों में मिठाई बनाना जिनमें ख़ास तौर पर विशेष रूप से गूंजिया बनाने के लिए मैदा, घी और उसमें काम आने वाले विभिन्न प्रकार के ड्राई फ़्रूट की ख़रीदारी लगातार जारी है. इस बार दिल्ली के लोगों ने कोरोना के कारण से होली त्योहार पर गूंजिया, समोसे, अन्य नमकीन अपने घर में ही बनाने का निर्णय लिया है और अनेक लोगों ने घर में बने इस सामान को ऑनलाइन अथवा व्हाट्सएप्प पर ग्रूप बनाकर उनकी बिक्री करने का घरेलू व्यापार शुरू किया है . विपरीत परिस्थितियों में भी पैसे कमाए जा सकते हैं यह हुनर केवल भारत के व्यापारियों में ही है.


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