Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 2018 के बाद बरसात ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार की बरसात नुकसान के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. हिमाचल में पिछले 18 सालों के दौरान यह तीसरा ऐसा मौका है जब मानसून की बरसात सामान्य या सामान्य से अधिक रही है और इस वजह से राज्य में तबाही का आलम है.
बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा करने के लिए केंद्र सरकार की दो टीमें हिमाचल प्रदेश पहुंची हुईं हैं. 28 अगस्त हिमाचल प्रदेश पहुंची इन टीमें ने कांगड़ा और कुल्लू में हुए नुकसान का जायजा लिया. उसके बाद आज धर्मशाला और बिलासपुर से इन टीमों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन और राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक की. हिमाचल प्रदेश में ये पहला मौका है जब केंद्र की ये टीमें अक्टूबर-नवंबर के बजाय बरसात के बीच में हिमाचल प्रदेश में बरसात से हुए नुकसान का आंकलन करने पहुंची हैं.
बाढ़ पर क्या बोला राजस्व विभाग?
हिमाचल राजस्व और आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मानसून से 1981 करोड़ का नुकसान हो चुका है. जिसके बढ़कर तीन हज़ार करोड़ से ऊपर जाने का अनुमान है जो अब तक के हुए नुकसानों में सबसे ज्यादा होगा. इससे पहले 2018 में बरसात से सबसे अधिक 2300 करोड़ का नुकसान हुआ था. मानसून की बरसात से अभी तक 284 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 9 लोग लापता है और कुल 532 लोग घायल हुए हैं.
ओंकार शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने भी माना है की प्रदेश में मानसून से भारी नुकसान हुआ है. टीमों ने स्वयं दो दिन तक मौके पर जाकर नुकसान का जायज़ा लिया. उनको उम्मीद है कि प्रदेश को जल्द ही केंद्र सरकार से अंतरिम राहत मिलेगी. जून में 34 फ़ीसदी कम बरसात हुई थी लेकिन जुलाई और अगस्त महीने में में मानसून की बरसात ने पिछले 18 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया.
बाढ़ से कितना नुकसान?
हिमाचल प्रदेश में 29 अगस्त तक हुई मानसून की बरसात से 1981 करोड़ का नुकसान हो चुका है और करीब 284 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि करीब 9 लोग लापता बताये जा रहे हैं. इस बाढ़ से करीब 532 लोग घायल हो गये हैं. इसके अलावा करीब 549 पशु-पक्षी बरसात की भेंट चढ़ गए हैं. 34 पक्के घर बह गए, 132 कच्चे घर ढह गए, जबकि 825 मकानों को नुकसान पहुंचा है.
बाढ़ से प्रदेश में कुल 753 गौशालाएं बह गई. प्रदेश में करीब 184 दुकानें, झोपड़ियां पानी में बह गईं हैं और सबसे ज्यादा नुकसान राज्य के पीडब्ल्यू डी विभाग को पहुंचा है. इसके अलावा कृषि, बागवानी और बिजली क्षेत्र को भी काफी नुकसान पहुंचा है.
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