DERC Chairperson Case: दिल्ली में डीईआरसी (DERC) अध्यक्ष की नियुक्ति के मामले को लेकर गुरुवार (20 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. आप (AAP) सरकार और दिल्ली के एलजी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने पहले तीन और बाद में दो, कुल 5 नाम एलजी को सौंपे, लेकिन सहमति नहीं बनी. यह संवैधानिक मामला है. बेहतर हो कि सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला ले.


इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपनी तरफ से नियुक्ति नहीं कर सकते. सिंघवी ने कहा कि पहले मुख्य मुद्दे का निपटारा हो. बस 15 दिन अगर पद खाली रहता है, इसमें कोई समस्या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सीजेआई ने पूछा कि क्या तब तक डीईआरसी अध्यक्ष का पद खाली रहेगा? एलजी के वकील हरीश साल्वे ने जस्टिस उमेश कुमार के शपथ पर लगी रोक हटाने की मांग की. 


डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति पर सुनवाई


चीफ जस्टिस ने कहा कि जब तक विवाद का निपटारा नहीं हो जाता, एक अस्थायी नियुक्ति करनी पड़ेगी. हम 4 अगस्त को डीईआरसी के प्रोटेम अध्यक्ष की नियुक्ति पर आदेश देंगे. उससे पहले हमें उस पूर्व जज की सहमति लेनी होगी, जिनको हम नियुक्त करेंगे. 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि डीईआरसी का अस्थाई अध्यक्ष कौन होगा. 


कोर्ट ने पहले कही थी ये बात


दिल्ली की आप सरकार की याचिका में राज्य सरकार की सहमति के बिना डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति के एलजी के फैसले को भी चुनौती दी गई है. इससे पहले इस मामले की सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना को साथ बैठकर डीईआरसी अध्यक्ष के नामों पर विचार-विमर्श करने को कहा था. जिसपर दोनों पक्षों ने सहमति जताई थी.


ये भी पढ़ें- 


मणिपुर आउट ऑफ कंट्रोल…, राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगा रही है केंद्र सरकार?