Hacking In India: भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डेटा उल्लंघन के बाद एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारतीय रेलवे में अब तक हैकर्स ने 3 करोड़ लोगों का डेटा चुराया है. हालांकि, इस रिपोर्ट की अभी चक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. 


रिपोर्ट के मुताबिक, चुराए गए डेटा में व्यक्तिगत जानकारी शामिल है. इसमें ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता और उम्र संबंधी डिटेल शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक हैकर फोरम ने 27 दिसंबर को इस घटना को अंजाम दिया था. हैकर फोरम की असली पहचान सामने नहीं आई है लेकिन इसे 'शैडो हैकर' के नाम से जाना जाता है. आरोप है कि हैकर फोरम 3 करोड़ यात्रियों के डेटा को डार्क वेब पर बेच रहा है. 


पर्सनल इंफॉर्मेशन चोरी करने का दावा


हैकर ग्रुप ने कहा कि उसके पास भारतीय रेलवे में टिकट बुक कराने वाले तीन करोड़ लोगों के ईमेल और मोबाइल नंबर समेत कई पर्सनल जानकारियां हैं. दावा किया गया है कि उसने कई सरकारी विभागों के आधिकारिक ईमेल अकाउंट को भी चुराया है. इससे पहले, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एम्स दिल्ली के सर्वर पर रैनसमवेयर हमला एक साजिश है. 


तमाम टीमें कर रहीं मामले की जांच 


इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दिल्ली साइबर क्राइम स्पेशल सेल, इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर, इंटेलिजेंस ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के भीतर इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम, सभी मिलकर इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं.  


एयरलाइंस को भी निशाना बना चुके हैं हैकर्स 


इसी साल मई में हैकर्स ने स्पाइसजेट एयरलाइंस के सर्वर को भी अपना शिकार बनाया था. इसकी वजह से कई फ्लाइट्स भी कैंसिल हुई थीं. दर्जनों फ्लाइट्स के शेड्यूल में फेर बदल किया गया था. यह बात भी सामने आई थी कि इसके लिए स्पाइसजेट ने हैकर्स को करोड़ों रुपये का भुगतान किया था.


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