Gyanvapi Mosque Row: देशभर में धार्मिक स्थलों और स्मारकों को लेकर चल रही बहस के बीच अब वाराणसी (Varanasi) में साधु संतों की एक बड़ी बैठक होने जा रही है. बताया जा रहा है कि ये एक तौर पर संतों का मंथन है, जिसमें ज्ञानवापी समेत काशी की तमाम मस्जिदों को लेकर चर्चा होगी. जिन तमाम मस्जिदों को लेकर ये विवाद है कि वहां पहले मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई, उन पर संत इस बैठक में चर्चा करेंगे. 


शिवलिंग पर जलाभिषेक का भी ऐलान
आज (3 जून) सुबह करीब 11 बजे होने वाली इस बैठक में संत, महात्मा, मठों के पीठाधीश्वर, सामाजिक कार्यकर्ता और इतिहासकार शामिल होंगे. यह बैठक लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित होगी. बता दें कि कुछ संतों की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के जलाभिषेक का ऐलान किया गया है. जिसके चलते वाराणसी में हलचल तेज हो गई है. जिसके चलते सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. 


ज्ञानवापी सहित कई मस्जिदों को लेकर होने वाले संतों के इस मंथन में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से कई साधु संत वाराणसी पहुंच चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि ज्ञानवापी मामले पर चर्चा के बाद एक प्रस्ताव ला सकते हैं. इस बीच महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद ने कहा है कि ज्ञानवापी से हिंदुओं की आस्था जुड़ी है उसे बिलकुल भी नहीं छोड़ा जा सकता है. ज्ञानवापी पर हिंदुओं का अधिकार है और उस अधिकार वो लेकर रहेंगे.  


जमीयत ने भी की थी बैठक
बता दें कि इसी तरह की एक बैठक मुस्लिम विद्वानों ने भी की थी. देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ये बैठक बुलाई थी, जिसमें लगातार दो दिन तक चर्चा हुई. बैठक में ज्ञानवापी समेत देश की तमाम मस्जिदों को लेकर उठ रहे विवाद पर चर्चा हुई. साथ ही इस सम्मेलन के अंत में कई तरह के प्रस्ताव भी पास किए गए. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी इस दौरान भावुक भी दिखे, उन्होंने कहा कि हम लोगों को अपने ही देश में गैर समझा जा रहा है. लेकिन ये देश हमारा है और सबसे पहले हम लोग देश के भले को लेकर सोचेंगे. जो प्लॉट तैयार किया जा रहा है हम उसमें नहीं फंसेंगे. 


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