गुरुग्राम: गुरुग्राम के प्रद्युम्न हत्याकांड में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई और हरियाणा पुलिस आमने सामने आ गए हैं. सीबीआई ने जहां कल गुरुग्राम पुलिस की थ्योरी को खारिज कर दिया था, वहीं आज गुरुग्राम पुलिस ने सीबीआई की नई थ्योरी पर सवाल उठाए हैं.


सीबीआई की थ्योरी को पुलिस कमिश्नर ने बताया अनर्थ


प्रद्युम्न हत्याकांड में सीबीआई की तहकीकात और कत्ल की नई थ्योरी को गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार ने अनर्थ बताया है. उन्होंने कहा है, ‘’मुझे क्या पता कि सीबीआई ने क्या अनर्थ कर दिया है.’’


गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर ने सफाई देते हुए कहा, ‘’उनकी टीम ने प्रद्युम्न हत्याकांड की शुरुआती तहकीकात की थी. उन्हें तफ्तीश के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिला. यहां तक कि इस हत्याकांड से जूड़े सबूतों की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट भी नहीं आई थी कि उससे पहले ये केस सीबीआई के हवाले कर दिया गया था.’’




  • ऐसे में जब पुलिस की तहकीकात ही पूरी नहीं हुई थी तो बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार क्यों किया गया था?

  • फोरेंसिक जांच पूरी होने से पहले ही पुलिस ने प्रद्युम्न की हत्या में इस्तेमाल चाकू और उसके खून से सने कपड़ों को सबसे पुख्ता सबूत क्यों करार दिया था?


सीबीआई बनाम हरियाणा पुलिस

गुरुग्राम पुलिस ने जहां मासूम प्रद्युम्न की हत्या के बाद रायन इंटरनेशनल स्कूल की बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था, वहीं सीबीआई ने इस मामले में रायन इंटरनेशनल स्कूल के ही एक सीनियर स्टूडेंट को गिरफ्तार करके कत्ल की नई कहानी पेश कर दी है.


सीबीआई का दावा है कि 11वीं में पढ़ने वाले उस छात्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और आरोपी छात्र की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया है.


पुलिस ने बस कंडेक्टर को कातिल करार दिया था


गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को छात्र प्रद्युम्न की हत्या हुई थी. इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के हेड रहे डीसीपी अशोक बख्शी ने भी बस कंडक्टर अशोक को ही कातिल करार दिया था.


जानकारों की राय में अगर बस कंडक्टर अशोक का इकबालिया बयान झूठा था तो ये साफ-साफ इशारा करता है कि गुरुग्राम पुलिस ने एक बेगुनाह को फंसाने के लिए गैर-कानूनी तौर-तरीके अपनाए थे.


सीबीआई के दावों पर सवाल


सीबीआई ने अपनी कहानी में दावा किया है कि आरोपी छात्र पढ़ाई में काफी कमजोर था, इसीलिए वो परीक्षा और पीटीएम से बचना चाहता था. लेकिन उस बच्चे को ट्यूशन पढ़ा चुकी टीचर का कहना है कि वो पढ़ाई में कमजोर नहीं, बल्कि औसत दर्जे का स्टूडेंट था.