नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस से देश में अबतक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देश में टीकाकरण भी चल रहा है और अबतक करीब 60 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इस बीच अब कोरोना के मोर्चे पर राहत मिलने वाली खबर आई है. सरकार ने बताया है कि पिछले तीन हफ्ते में सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 से मौत का कोई नया मामला नहीं आया है.


वहीं, पिछले 24 घंटे में 15 राज्यों में संक्रमण से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई. केंद्र ने रेखांकित किया कि अंतिम राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के परिणाम से पता चला कि देश की 70 प्रतिशत आबादी के लिए संक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, दादरा और नागर हवेली, मिजोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप से पिछले तीन हफ्ते में कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है.


सबसे तेजी से 60 लाख लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बना भारत


भूषण ने बताया कि भारत पिछले 24 दिनों में कोविड-19 से बचाव के लिए सबसे तेजी से 60 लाख लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बन गया है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 के टीकाकरण अभियान में देश में कुछ राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन किया है वहीं कुछ राज्यों को अभी सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 65 प्रतिशत से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ है.


कहां कितने स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ?


इनमें बिहार (78.1 प्रतिशत), त्रिपुरा (77.1 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (76 प्रतिशत), उत्तराखंड (73.7 प्रतिशत), ओडिशा (72.4 प्रतिशत), मिजोरम (69.9 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (68.7 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (68 प्रतिशत), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (67.9 प्रतिशत), राजस्थान (67.2 प्रतिशत), केरल (66.9 प्रतिशत), लक्षद्वीप (66.7 प्रतिशत) हैं। भूषण ने कहा कि दूसरी तरफ 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 40 प्रतिशत से कम स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण हुआ है. इनमें पुडुचेरी (15.4 प्रतिशत), मणिपुर (21.3 प्रतिशत), नगालैंड (21.5 प्रतिशत), मेघालय (24.3 प्रतिशत), चंडीगढ़ (28.7 प्रतिशत), पंजाब (34.1 प्रतिशत), दादरा और नागर हवेली (34.5 प्रतिशत), लद्दाख (35.8 प्रतिशत), जम्मू कश्मीर (37.5 प्रतिशत) और दिल्ली (38 प्रतिशत) हैं.


राज्यों से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा गया


उन्होंने कहा कि हम इन राज्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं और उनसे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा गया है. भूषण ने कहा कि पांच फरवरी को राष्ट्रीय (टीकाकरण के बाद दुष्प्रभाव जानने के लिए) एईएफआई कमेटी की बैठक में कोविड-19 टीकाकरण के बाद एईएफआई के आठ मामलों पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि इन आठ मामलों में पांच मामलों (दो लोगों की मौत, तीन भर्ती) का विश्लेषण किया गया. अस्पताल में भर्ती किए गए सभी लोगों को छुट्टी दे दी गयी. दो लोगों में एनाफिलिक्स (टीकाकरण के बाद प्रतिक्रिया)का पता चला. उन्होंने कहा कि अन्य मौतों में टीकाकरण से कोई जुड़ाव नहीं पाया गया. इस बारे में आगे सूचना सार्वजनिक की जाएगी. उन्होंने कहा कि अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के स्वरूप का मामला भारत में नहीं आया है लेकिन निगरानी की जा रही है.


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