Farm Laws Repealed: केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि साल भर से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है, इसलिए मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में सांसदों के एक समूह द्वारा 'कृषि कानूनों के आंदोलन' पर उठाए गए सवालों के जवाब में यह बात कही.


अन्य सवालों के अलावा, सांसद आंदोलन के संबंध में किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या जानना चाहते थे. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में और उसके आसपास चल रहे आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की संख्या पर डेटा और क्या सरकार का उक्त आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का विचार है, इसकी जानकारी भी मांगी गई थी. मंत्रालय का इस पर स्पष्ट उत्तर था कि इस मामले में उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रश्न ही नहीं उठता.


इस सवाल के पहले भाग में, जवाब देते हुए विस्तृत रूप से बताया गया था कि कैसे सरकार ने स्थिति को काबू में करने के लिए किसान नेताओं के साथ 11 दौर की चर्चा की है. किसान आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के परिजनों के लिए पुनर्वास की मांग की गई है. बता दें कि किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को शहीद किसान कहा है. आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि पिछले साल से आंदोलन के दौरान लगभग 700 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं.


ये भी पढ़ें-


Petrol Rate in Delhi: केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, पेट्रोल पर 8 रुपये VAT घटाया, जानें अब क्या हो गया नया दाम


यूपी चुनाव से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, कहा- अयोध्या-काशी जारी है, मथुरा की तैयारी है