सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा अंतरराष्ट्रीय दबाव और कई दौर की बातचीत के बावजूद सरकार ने अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के तहत कोविशील्ड की 50 लाख खुराक ब्रिटेन को निर्यात करने के SII के अनुरोध को ठुकरा दिया है. यह निर्णय लोकल स्तर पर वैक्सीन की कमी के मद्देनजर लिया गया है. सरकार ने भारतीयों की जरूरत और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. 


राज्यों द्वारा कोरोना वैक्सीन की भारी मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पुणे स्थित इस कंपनी से संपर्क किया है. वहीं, अब कोविशील्ड वैक्सीन की ये 50 लाख खुराक 18-44 साल की उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध हैं. राज्यों को वैक्सीन खरीदने के लिए कहा गया है. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जल्द ही वैक्सीन निजी अस्पताल में भी उपलब्ध होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कंपनी से संपर्क करने और जल्द से जल्द वैक्सीन खरीदने की अपील की है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन के लेबल को बदलना पड़ सकता है. चूंकि वैक्सीन को यूके में आपूर्ति के लिए पैक किया गया था इसलिए शीशियों पर एक अलग लेबल चिपकाया गया था, लेकिन अब उन्हें स्थानीय बाजार में दी जानी है, इसलिए उन्हें एक नए लेबल की आवश्यकता है.


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर उठाए सवाल


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाए थे. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी हलफनामा दायर कर मांग की थी कि राज्यों को केंद्र से पूरा वैक्सीन मुफ्त में मिलना चाहिए. केंद्र के जवाब से साफ है कि उसका वैक्सीन की शत-प्रतिशत खरीद खुद करने का इरादा नहीं है. केंद्र ने यह भी बताया है कि कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक का उत्पादन और आपूर्ति बढाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.


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