नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार के फैसलों पर आर्थिक चिंताओं का दबाव साफ नजर आ रहा है. यही वजह है की प्रति दिन कोरोना मरीजों का ग्राफ 80 हजार पहुंचने के बावजूद अर्थव्यवस्था को पूरी तरह खोलने का फैसला ले लिया गया है. सरकार दलील भी यही दे रही है की जीवन के साथ साथ जीविका भी जरूरी है.


भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 38 लाख के पार हो गई है लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ खुलने लगा है. अब सेहत और कोरोना पर अर्थव्यवस्था की फ़िक्र हावी होने लगी है. भारत अनलॉक 4 की तरफ जा रहा है. ऑफिस, होटल, मेट्रो, ट्रांसपोर्ट जैसी सुविधाओं को धीरे-धीरे शुरू किया का रहा है. अनलॉक 4 में देश में मेट्रो सेवा भी शुरू हो रहीं हैं. ऐसे में ये सवाल उठ रहा है की जब देश में हर दिन 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे है, संक्रमित मरीजों की संख्या 38 लाख के पार हो गई है तो ऐसे समय में इन चीज़ों को क्यों शुरू किया जा रहा है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा अनलॉक की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की सरकार ने ग्रेडेड यानी चरणबद्ध तरीके से चीजों को शुरू कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में 10 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. वहीं पॉजिटिविटी रेट यानी संक्रमण की दर में गिरावट दर्ज की जा रही है और अब संक्रमण की दर 7 फ़ीसदी के आसपास पहुंच गई है.


वहीं अनलॉक करने से पहले केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने कई चीजों को ध्यान में रखा जिसमें स्वास्थ्य सुविधाएं इलाज और तमाम जी से जुड़ी हुई है. केंद्र सरकार की जो अप्रोच रहीं हैं ओपनिंग के प्रति वह एक ग्रेडेड अप्रोच रही है, और ग्रेडेड अप्रोच के तहत ही देश के विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को खोला गया है. इस अप्रोच के तहत सबसे पहले केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया देश के हर हिस्से में टेस्टिंग कैपेसिटी प्रयाप्त मात्रा में की जाए.


आज हमारे पास 11 लाख से अधिक टेस्ट करने की सुविधा है और क्षमता है. केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है जो अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर है चाहे आइसोलेशन बेड हो ऑक्सीजन युक्त बेड हो या क्रिटिकल केयर आईसीयू बेड हो उनकी भी प्रयाप्त व्यवस्था हो जाए. केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मरीजों को किस प्रकार से क्वालिटी ऑफ केयर या स्टैंडर्ड केयर दिया जाएगा उसका एक क्लीनिकल प्रोटोकॉल तैयार किया. यह सब सुनिश्चित करने के बाद ही ग्रेडेड तरीके से ओपनिंग की गई है.


स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना से निपटने के लिए काफी तैयारी कर ली है. इसमें ना सिर्फ टेस्टिंग की क्षमता और सुविधा बनाना बल्कि देशभर में ना सिर्फ इलाज के लिए अस्पताल, आईसीयू, आइसोलेशन और ऑक्सीजन युक्त बेड भी बनाए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय मानता है कि बढ़ती टेस्टिंग के चलते नंबर बढ़ रहे हैं लेकिन जीवन के साथ-साथ जीविका भी जरूरी है. इसीलिए अनलॉक की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से ध्यान में रखते हुए शुरू किया जा रहा है. क्योंकि जीवन के साथ-साथ जीविका भी बहुत जरूरी है.


आपको बता दें कि भारत में लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे अलग चरणों में लॉकडाउन को हटाया गया. अब तक कुल अनलॉक के लिए चार गाइडलाइंस आ चुकी हैं. इस बीच जीडीपी का हाल भी किसी से छुपा नहीं हैं. ऐसे में सरकार कोरोना और अर्थव्यवस्था दोनों को साथ ठीक करना चाहती हैं.


वहीं अब तक स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी जैसी जगहों को 30 सितंबर बंद रखा गया है. लेकिन इस बीच NEET और JEE की परीक्षा भी हुई देश में.


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