नई दिल्ली: फेसबुक ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के खत का जवाब दिया है. फेसबुक ने कहा कि हम गैर-पक्षपाती हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि हमारा प्लेटफ़ॉर्म एक ऐसी जगह बनी रहे जहाँ लोग खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें. हम पूर्वाग्रह के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और सभी रूपों में घृणा और कट्टरता की निंदा करते हैं.


बता दें कि केसी वेणुगोपाल ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को ई-मेल के जरिए एक खत भेजा था. उन्होंने जुकरबर्ग को सुझाव दिया था, ''फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच आरंभ की जाए और एक या दो महीने के भीतर इसे पूरी कर जांच रिपोर्ट कंपनी के बोर्ड को सौंपी जाए. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए.''






क्या है पूरा मामला?


पूरा विवाद अमेरिकी अखबार वॉलल स्ट्रीट जर्नल की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी. इससे पहले भी फेसबुक ने सफाई देते हुए कहा था कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है.


उधर हेट स्पीच को लेकर विवादों में घिरी फेसबुक ने बीजेपी के विधायक टी राजा सिंह के अकाउंट को बैन कर दिया है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर के अनुसार नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वाली सामग्री को लेकर फेसबुक की नीति का उल्लंघन करने पर तेलंगाना से बीजेपी विधायक को बैन किया गया है.


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