हैदराबाद: देश के सबसे बड़े नगर निगम में एक हैदराबाद के चुनाव में पड़े वोटों की आज गिनती हो रही है. हैदराबाद के निकाय चुनाव में अमित शाह और जेपी नड्डा की रणनीति का नतीजा शानदार दिख रहा है. दोनों नेताओं की अगुवाई में पार्टी ने छोटे से चुनाव को भी हल्के में ना लेकर पूरी ताकत के साथ मैदार में उतरी.  बीजेपी की यही चुनाव जीतने की इच्छा शक्ति बता रही है कि पार्टी सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय क्षत्रपों की भी बड़ा नुकसान पहुंचाने की हैसियत में आ चुकी है.


ताजा रुझानों के मुताबिक ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनने की ओर है. ताजा रुझानों के मुताबिक बीजेपी 42 सीटें जीत सकती हैं. 41 अब तक जीत चुकी है जबकि एमआईएम भी अब तक के रुझानों के हिसाब से 41 सीट तक पहुंच सकती है. बड़ी बात ये है कि सत्ताधारी टीआरएस सबसे बड़ी पार्टी तो बन रही है लेकिन बहुमत से दूर है.


29 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद की सड़कों पर रोड शो किया तो इसके दो दिन पहले ही जे पी नड्डा ने भी रोड शो किया था. एक निकाय चुनाव के प्रचार में बीजेपी ने अपने दो बडे चेहरे को सड़कों पर उतार दिया.


हैदराबाद में पिछला नगर निकाय चुनाव 2016 में हुआ था. इस चुनाव में TRS को 99, AIMIM को 44, BJP को चार और कंग्रेस को दो सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी दूसरे नंबर पर जरूर है लेकिन सीटों के नंबर का आंकड़ा बहुत ऊपर जा चुका है. बीजेपी के लिए इस छोटे चुनाव में मिली छोटी सी कामायबी बहुत बड़ी है.


हैदराबाद में बीजोपी के प्रदर्शन पर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''(हैदराबाद में जिस तरह से बीजेपी को सफलता मिलती दिख रही है यह नतीजे हमारे लिए ऑन अपेक्षित नहीं है हमारे कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद में अच्छी मेहनत की दक्षिण भारत की राजनीति में अब बीजेपी को लोग पसंद कर रहे हैं चुनाव के नतीजे यह साफ बता रहे.''


बीजेपी का हैदराबाद में प्रदर्शन ओवैसी के लिए खतरे की घंटी की तरह है. बीजेपी की इसी धमक के चलते वो टीआरएस के निशाने पर अब बीजेपी आ गई है. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता राव ने कहा, ''हैदराबाद में बीजेपी ने अपना पूरा फोकस लगा दिया था, जबकि उन्हें किसानों के मुद्दे पर फोकस करना चाहिए था.''


चुनाव भले ही निगम का था.. लेकिन बीजेपी ने हैदराबाद में अपने फायर ब्रांड नेताओं की पूरी फौज उतार दी.. बीजेपी को उम्मीद थी कि पार्टी अच्छा परफॉर्म करेगी. इसीलिए शुरुआत से पूरी रणनीति बनाकर प्रचार किया गया. और उसी का परिणाम नजर आ रहा है.