Manmohan Singh Birthday News: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह आज अपना 91वां जन्मदिन मना रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री को देशभर से इस मौके पर बधाई संदेश मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को 91वें जन्मदिन के मौके पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, 'पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. मैं आपके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं.'


पूर्व प्रधानमंत्री का जन्म 26 सितंबर, 1932 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में हुआ था. ये जिला अब पाकिस्तान में आता है. प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले उन्होंने 1982 से लेकर 1985 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर के तौर पर काम किया. वह पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे. भारत में 1991 में आर्थिक उदारीकरण लाने में उनका बड़ा हाथ रहा. उनकी वजह से देश में 'लाइसेंस राज' समाप्त हो पाया. 






ब्रिटेन से की पढ़ाई


मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक दो कार्यकाल में देश के प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया. वह न सिर्फ देश के एक महान राजनेता हैं, बल्कि उनकी पहचान एक बेहतरीन अर्थशास्त्री के तौर पर भी होती है. मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और फिर आगे की शिक्षा के लिए वह ब्रिटेन चले गए. ब्रिटन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास से अपनी डिग्री हासिल की. उनकी अर्थशास्त्र में खासा दिलचस्पी रही है. 


पूर्व प्रधानमंत्री ने 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डी.फिल पूरा किया. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के फैकल्टी मेंबर के तौर पर भी काम किया. UNCTAG सचिवालय में थोड़े वक्त तक काम करने के बाद उन्होंने 1987 और 1990 के बीच जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में कार्य किया. 


कई प्रमुख पदों को संभाला


1970 और 1980 के दशक के दौरान मनमोहन सिंह ने भारत सरकार में कई प्रमुख पदों पर काम किया. उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-85) और योजना आयोग के प्रमुख (1985-87) के तौर पर काम किया. मनमोहन सिंह 1991 और 1996 में देश के वित्त मंत्री भी रहे हैं. वह वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं. 


यह भी पढ़ें: मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की तारीफ, जानें किस कदम को ठहराया सही और कहां चेताया