नई दिल्ली: नोटबंदी को आज एक साल पूरा हो गया है. पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया था और पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बंद कर दिए थे. आज यानी आठ नवंबर को विपक्ष ने ‘काला दिवस’ मनाने का एलान किया है तो वहीं बीजेपी पूरे देश में ‘काला धन विरोधी दिवस’ मना रही है


आठ नवंबर के दिन क्या हुआ था?


आठ नवंबर की सुबह आम लोगों के लिए किसी आम सुबह की तरह ही थी, लेकिन रात जैसे ही घड़ी की सुई आठ बजे पर पहुंची देश के प्रधानमंत्री ने एक ऐसा एलान कर दिया, जिससे आम लोगों से लेकर खास लोगों तक सभी की नींद उड़ गई. पीएम मोदी ने इस दिन मध्यरात्रि से पांच सौ एक हजार के पुराने नोट बंद करने का एलान कर दिया.


अगले दिन यानी नौ नवंबर को बैंकों के सामने लंबी-लंबी कतारें लग गई. हर कोई हैरान परेशान था. ठंड के इस मौसम में सुबह चार बजे से ही बैंकों के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गई. हर कोई अपने पांच सौ और हजार के पुराने नोट जल्द से जल्द बदलवाना चाहता था.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का एलान करने के बाद एक सवाल सभी के जहन में उठने लगा कि आखिर क्यों अचानक से देश के प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा फैसला ले लिया. इस फैसले के पीछे कई बड़ी वजह भी बताई गई जैसे-




  • देश में काला धन बेकार हो जाएगा.

  • रियल एस्टेट क्षेत्र में काले धन का इस्तेमाल रुक जाएगा.

  • हवाला के जरिए पैसों के लेन देन पर रोक लगेगी.

  • देशभर में फैल चुके जाली नोट खत्म हो जाएंगे.

  • भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में कमी आएगी.

  • ड्रग्स-हथियार के कारोबार पर रोक लगेगी.

  • और आतंकवाद की फंडिंग पर असर पड़ेगा.


कितना कैशलेस हुआ भारत


सरकार ने नोटबंदी के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था को लेस-कैश करना बतायी और काले-धन पर रोकथाम लगाने वाला कदम बताया. नोटबंदी के बाद सरकार का मकसद लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करना था. नतीजतन, देश में ई-वॉलेट और कार्ड पेमेंट के इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ. आज भारत में कुल ट्रांजेक्सशन का 5% ट्रांजेक्शन कैशलेस होता है. (यहां पढ़ें पूरी खबर)


नोटबंदी के बाद 1000 के नोटों में से 99% नोट वापस आए


रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था, ‘’30 जून तक कुल मिलाकर 15 लाख 28 हज़ार करोड़ रुपये के पांच सौ और हज़ार रुपये के पुराने नोट वापस आए हैं, जबकि कुल नोटों की कीमत 15 लाख 44 हज़ार करोड़ थी.’’  यानी सिर्फ 16 हज़ार करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस नहीं आए. हालांकि इसमें सहकारी बैंकों में और नेपाल में जमा कराए गए नोट शामिल नहीं थे. आरबीआई की इस रिपोर्ट पर केंद्र सरकार को काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा था.


पूरे देश के नौ राज्यों की राजधानियों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी बीजेपी


आठ नवंबर को पूरे देश के नौ राज्यों की राजधानियों में बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. इसमें नोटबंदी के फायदे और कालेधन को लेकर चर्चा होगी. आठ नवंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी तो चेन्नई में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, प्रेस कॉन्फ्रेस करेंगी.


इसके अलावा मुंबई में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अहमदाबाद में रेलमंत्री पीयूष गोयल, चंढ़ीगढ़ में मुख्तार अब्बास नकवी, बेंगलुरू में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कोलकाता में जयंत सिन्हा, हैदराबाद में अनंत कुमार और जयपुर में केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.


आठ नवंबर को सूरत में होंगे राहुल गांधी


कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आठ नवंबर यानी आज गुजरात के सूरत में रहने का एलान किया है. गुजरात कांग्रेस सूरत में एक कार्यक्रम आयोजित करेगी. बता दें कि सूरत में व्यापारियों ने नोटबंदी और जीएसटी का काफी विरोध किया था.


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