FIR On Medha Patkar: एमपी के बड़वानी जिले में मशहूर एक्टिविस्ट मेधा पाटकर (Medha Patkar) के खिलाफ बड़वानी (Barwani) कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. मेधा पाटकर पर आरोप है कि उनके द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ नर्मदा नव निर्माण अभियान में करोड़ों का हेरफेर किया गया है. आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के नाम पर राशि लेकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों (Anti National Activities) में लगाई गई है. ये सभी आरोप बड़वानी जिले के टेम्ला के रहने वाले प्रीतम बडोले ने लगाए हैं.  


पुलिस ने मेधा पाटकर सहित 11 लोगों पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. फिलहाल पुलिस इस मामले में मीडिया से बात करने में बच रही है. इस बारे में जब मीडिया ने मेधा पाटकर से बात की तो उन्होंने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया.


मेधा पाटकर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद


उन्होंने इन सभी आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हमारे पास सभी दस्तावेज और प्रमाण हैं, जिसने भी ये शिकायत की है उसे भृमित किया गया है. उन्होंने कहा कि हमने पैसे का इस्तेमाल लोगों को आजीविका पैदा करने में मदद करने के लिए किया है और करते रहेंगे. 


मेधा पाटकर का हुआ था विरोध 


बता दें कि, हाल ही में ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया गांव में मेधा पाटकर को बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करना पड़ा था. वहां एक जेएसडब्ल्यू स्टील परियोजना का विरोध शुरू हो रहा था. मेधा पाटकर वहां जेल में बंद प्रदर्शनकारी के घर रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा था.


मेधा पाटकर (Medha Patkar) और उनके साथ गए लोगों को विरोध स्थल से वापस लौटना पड़ा. मेधा पाटकर ने कहा था कि वह जेल में बंद प्रदर्शनकारी के परिवार के सदस्यों से मिलना चाहती थीं, लेकिन स्थानीय लोगों के दावा किया कि जेएसडब्ल्यू (JSW) परियोजना के बारे में उनसे प्रतिक्रिया लेने के लिए कार्यकर्ताओं की टीम पहले ही वहां मौजूद है. 


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