FBI chief in India Meeting : अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी की हत्या की साजिश के आरोपों के बीच FBI चीफ भारत दौरे पर हैं. अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई के प्रमुख क्रिस्टोफर रे ने मंगलवार (12 दिसंबर) को उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है.


क्रिस्टोफर ने बताया है कि इस साल 19 मार्च और 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमलों की जांच एफबीआई सघनता से कर रही है. उन्होंने दावा किया कि इस मामले में जल्द ही कोई बड़ी जानकारी मिल सकती है. 


दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग


क्रिस्टोफर ने एनआईए के निदेशक जनरल दिनकर गुप्ता को दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग में कई जानकारी साझा की है. गुप्ता ने रे के नेतृत्व में मंगलवार को एनआईए मुख्यालय का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल को बताया कि आतंकवादियों और गैंगस्टरों का गठजोड़ “अमेरिका में भी फैल रहा है ”.





भारत ने बताया कैसे अमेरिका में फैल रहा है भारत विरोधी जाल

एफबीआई चीफ क्रिस्टोफर रे ने एक हाई लेवल एफबीआई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए एनआईए मुख्यालय का दौरा किया. एनआईए महानिदेशक दिनकर गुप्ता और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की. आतंकवादी-संगठित आपराधिक नेटवर्क के कृत्यों और गतिविधियों, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले समेत अन्य घटनाओं में आतंकियों के साथ आपराधिक नेटवर्क के विस्तार के बारे में भी भारत की ओर से उन्हें जानकारी दी गई. साइबर-आतंकवाद और विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की जांच सहित कई मुद्दों पर विस्तार से बात हुई. 


भारत ने दिया था दूतावास पर हमले का सबूत
अपको बता दें कि वाणिज्य दूतावास पर 2 जुलाई को खालिस्तानी आतंकियों द्वारा हमला किया गया था. कनाडा में अलगाववादी खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका में भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया था. इससे पहले 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था.


इस संबंध में एनआईए ने अमेरिका को सबूत सौंपे थे. प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोधों को तोड़ दिया था. वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए. वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही इन झंडों को हटा दिया था.


अमेरिका गई थी एनआईए की टीम
इसके बाद, एनआईए की एक टीम अमेरिका गई थी. इन्होंने  सीसीटीवी फुटेज सहित सबूत इकट्ठा करने और वहां की स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ हमलों के संबंध में जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए अगस्त में सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया था.


आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का प्रयास करने का आरोप भारतीय नागरिक पर लगाया है.


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