Farmers Protest Updates: कल होगी केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत, कृषि मंत्री ने जताई समाधान निकलने की उम्मीद

किसान आंदोलन का 34वां दिन: किसान संगठनों और सरकार के बीच कल बातचीत होने वाली है और इससे पहले कृषि कानूनों पर सरकार और कृषकों के बीच सुलह होने की उम्मीद बढ़ गई है. कल बातचीत को लेकर किसान संगठनों ने सरकार के सामने शर्तें रखी हैं लेकिन किसान नेता प्रेम सिंह का दावा है कि पहली बार सिर्फ संशोधन की जिद से सरकार हट रही है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बनें रहें एबीपी न्यूज़ के साथ...

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 29 Dec 2020 12:49 PM
किसानों और सरकार के बीच चर्चा कल दोपहर 2 बजे होने वाली है और इससे पहले किसान संगठन अपनी तैयारियों को लेकर आश्वस्त हैं. उनका कहना है कि शर्तों को माने जाने तक वो पीछे नहीं हटेंगे. किसान संगठनों में से एक ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के नेता प्रेम सिंह ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि सरकार पहली बार संशोधन के अलावा किसी और और मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार हुई है.
अन्ना हजारे किसानों के मुद्दों को लेकर जनवरी में एक बार फिर से दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे और उन्होंने एक नोट में इस बात का एलान किया है कि तीन साल में काफी चर्चा हो चुकी है. अब तुरन्त और सही निर्णय नहीं हुआ तो मैं आन्दोलन करने पर मजबूर हूं. इसीलिए अब जनवरी 2021 में दिल्ली में फिर से आन्दोलन करने का निर्णय लिया है. अन्ना हजारे ने ये भी कहा है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को C2 + 50 फीसदी MSP यानी खर्चें पर आधारित 50 प्रतिशत जादा दाम मिलना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो ही किसानों की समस्याएं खत्म हो सकती हैं. इसी तरह सभी प्रकार के अनाज, सब्जियां, फूल, फल, आलू, दूध का एमएसपी निर्धारित करना चाहिए, तभी ही किसानों की आत्महत्या रुक सकती है.
कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को सरकार ने 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है और कल दोपहर 2 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में सातवें दौर की बैठक होगी. अब तक हुईं सभी बैठकों का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है और किसान दिल्ली के बॉर्डर्स पर इतनी सर्दी में भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं एक बड़े घटनाक्रम में शरद पवार किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों की मांगों को गंभीरता से सुने और सभी राजनीतिक दलों से साथ आने की अपील की है.
सरकार की कल किसानों के साथ होने वाली बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई है कि किसानों के साथ सकारात्मक वार्ता होगी और जल्द किसी समाधान पर पहुंचा जा सकेगा. हालांकि कल जिन 10 संगठनों के साथ कृषि मंत्री की बातचीत हुई है उन्होंने कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जता दिया है और इससे संबंधित ट्वीट भी नरेंद्र तोमर ने किए हैं.

केंद्र और 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच अब तक पांच दौर की हुई औपचारिक वार्ता बेनतीजा रही है. वार्ता बहाल करने के लिए किसान संगठनों के प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए अग्रवाल ने कहा कि सरकार एक स्पष्ट इरादे और खुले मन से सभी प्रासंगिक मुद्दों का एक तार्किक समाधान निकालने के लिए भी प्रतिबद्ध है. एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले हुए हैं. वे तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इन किसानों में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं.
सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों पर अगले दौर की वार्ता के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है. सरकार द्वारा सोमवार को उठाए गये इस कदम का उद्देश्य नये कानूनों पर जारी गतिरोध का एक तार्किक समाधान निकालना है. किसान संगठनों ने वार्ता के लिए पिछले हफ्ते 29 दिसंबर का एक प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया है. कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसान संगठनों को लिखे एक पत्र के जरिए उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे वार्ता करने का न्योता दिया है.

कल 12 अलग अलग किसान संगठनों के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुलाक़ात की है और सभी किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है. नरेंद्र तोमर ने सभी संगठनों का समर्थन पत्र अलग अलग ट्वीट किया है. गाज़ियाबाद उत्तरप्रदेश के "भारतीय कृषक समाज" से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र में कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए इसे किसान हित में एक बड़ा साहसिक व ऐतिहासिक कदम बताया गया है.
सरकार ने 30 दिसंबर यानी कल विज्ञान भवन में फिर एक बार किसानों को बैठक के लिए बुलाया है. किसान संगठन भी सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं और ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के नेता प्रेम सिंह ने बड़ा दावा किया है कि पहली बार सरकार संशोधन के अलावा किसी मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हुई है. सरकार और किसानों के बीच सातवीं बैठक में क्या समाधान निकलेगा इस पर सारे देश की नजर है और सरकार को उम्मीद है कि इस प्रदर्शन को खत्म कराने में वो कामयाब होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों के साथ टकराव खत्म होने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि हम झूठ की दीवार गिराने में कामयाब होंगे और किसानों को समझा पाएंगे.
दिल्ली में बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ग्राउंड को 'किसान पुरा' नाम देते हुए वहां पर एक बैनर लगाया है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "किसान 33 दिनों से अपनी मांगों को लेकर यहां बैठा है और यहां गांव की तरह बस चुका है, आज गांव का नामकरण किया गया."


दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्याज के दाम
सर्दी बढ़ने और किसान आंदोलन के चलते आवक प्रभावित होने से दिल्ली-एनसीआर में प्याज और टमाटर समेत अन्य हरी शाक-सब्जियों के दाम में बीते दो दिनों में डेढ़ गुना तक इजाफा हो गया है. हालांकि आलू के दाम में गिरावट ही आई है. प्याज का खुदरा दाम दिल्ली-एनसीआर में 40 रुपये किलो, जबकि दो दिन पहले भाव घटकर 25 रुपये प्रति किलो तक आ गया था. टमाटर का भाव दोगुना तक बढ़ गया है. टमाटर का खुदरा दाम रविवार को 40 रुपये प्रति किलो था.
वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश
ड्राइवरलैस मेट्रो के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, "वन नेशन, वन राशनकार्ड से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है. इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है."
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए. ये कहना कि ये राजनीतिक साजिश है ये एकदम गलत है. जिस तरह के लफ़्ज ये किसानों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ये पाप है. किसानों से बात करनी चाहिए और कानून वापस लेने चाहिए.'


बीजेपी नेता महेश शर्मा ने कहा, 'हमारी सरकार ने हमेशा कहा है कि MSP हमेशा रहेगा, मंडियां हमेशा रहेंगी, कांट्रैक्ट फार्मिंग में किसी भी किसान की जमीन पर व्यापारी का मालिकाना हक नहीं होगा. कुछ लोग पंजाब के लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है उनका संदेह 29 तारीख को दूर हो जाएगा.'
कृषि कानून पर किसानों के साथ संवाद करेगी राजस्थान कांग्रेस
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ है. उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी 28 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक हर विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के बारे में किसानों को जागरूक बनाने के लिए वार्ता करेगी.
मैं हाथ जोड़कर कानूनों को वापस लेने की अपील करता हूं: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के आखिरी हफ्ते से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों से मिलने दूसरी बार वहां पहुंचे केजरीवाल ने कहा, "मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह किसानों के साथ खुली बहस करें, जिससे पता चल जाएगा कि ये कृषि कानून कितने हानिकारक हैं."

बैकग्राउंड

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसान एक महीने से अधिक समय पहले सिंघू बॉर्डर पहुंचे थे. प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठनों ने शनिवार को केंद्र सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला किया था और अगले चरण की बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने यह भी निर्णय लिया था कि 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.


 


दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है और सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं. इन्हीं सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन की वजह से यातायात प्रभावित हुआ है जिस वजह से पुलिस को गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन करना पड़ा है.


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