Farmers Protest LIVE Updates: भारतीय कबड्डी टीम के कोच सांगवान बोले- किसानों की मांग नहीं मानी तो लौटा दूंगा अर्जुन अवॉर्ड

दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है. किसान यूनियन की पंजाब इकाई ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को बंद करने की चेतावनी दी थी. लेकिन हाईवे बंद कराने कोई नेता पहुंचा ही नहीं. संगठन ने अब रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ...

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 13 Dec 2020 09:45 PM
सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं. इस याचिका में कहा गया है कि रास्ता बंद होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इससे कोरोना के मामलों में भी इजाफा हो सकता है.
पंजाबी एक्टर और कॉमेडियन गुरप्रीत घुग्गी आज किसानों का समर्थन करने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा, "आप सोचते हो कि किसान आपकी बात मानकर ऐसे ही घर चला जाएगा. तो आज का नारा है किसान का, बार-बार चर्चा के लिए मत बुलाओ वो कहते हैं- "बातचीत हो मगर इस बात पर हो कि यस और नो." किसान इस बात पर टिका है कि वो ये कानून रद्द करवा के जाएंगा."
असन सांगवान ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को किसान हित में बता रही है, लेकिन किसान इन क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार इन कानूनों को किसानों पर जबरन न थोपे. सांगवान ने कहा कि सरकार ने एक सप्ताह में किसानों की मांग पूरी नहीं की तो वे अपने 8-10 अन्य अर्जुन पुरस्कार विजेता साथियों के साथ वह अपने अवॉर्ड किसानों के समर्थन में सरकार को वापस लौटाने को मजबूर होंगे.
भारतीय कबड्डी टीम के कोच असन सांगवान ने भिवानी में एलान किया कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो वह अपना अर्जुन अवॉर्ड लौटा देंगे. सांगवान इस समय भारतीय कबड्डी टीम के कोच हैं और उन्हें साल 1994 में भीम अवॉर्ड, साल 1996 में भारत गौरव और साल 1998 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि किसान कल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर रहेंगे. तमाम ज़िला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने कल यानी सोमवार को एक दिन के उपवास का एलान किया है. इससे पहले ही आज राजस्थान से हज़ारों किसान दिल्ली आ रहे हैं. लेकिन हरियाणा के रेवाड़ी बॉर्डर पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया है. किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पुलिस ने रेवाड़ी बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं. किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि वो किसानों के समर्थन में कल यानी सोमवार को एक दिन का उपवास रखेंगे. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और तमाम समर्थकों से भी एक दिन का उपवास रखने की अपील की है. बता दें कि किसान नेताओं ने 14 दिसंबर को एक दिन के उपवास का एलान किया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के लिए उत्तराखंड के कुछ किसान संगठन के नेता उनके आवास पर पहुंचने वाले हैं. ये किसान नेता कृषि कानूनों के समर्थन में हैं और इसी सिलसिले में एक पत्र कृषि मंत्री को सौंपेंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आज अगर किसानों के आंदोलन की आड़ में भारत को तोड़ने वाले टुकड़े-टुकड़े लोग पीछे होकर आंदोलन के कंधे से गोली चलाएंगे तो उनके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसपर हम कोई समझौता नहीं करेंगे." रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो प्रमुख लोग आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, वे सिर्फ विरोध करने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. पहले वही लोग इन रीफॉ़र्म्स की ज़रूरत महसूस कर रहे थे. हम लोगों को ये बात बताएंगे कि कैसे कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कृषि कानूनों के फायदे गिनाते हुए कहा कि किसानों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए कि उनकी फसल हिंदुस्तान में कहीं भी जा सकती है, कोई रोकेगा नहीं. आपकी फसल पर अलग से मंडी का टैक्स नहीं लगेगा. उन्होंने बताया, "इस साल भारत सरकार ने MSP के अंतर्गत 60 हजार करोड़ रुपये का धान खरीदा है, जिसमें से 60 प्रतिशत पंजाब से खरीदा गया."
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने केक काटकर आज अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया. उन्होंने कहा, "मेरी बेटी का पहला जन्मदिन है, शादी के 9 साल बाद बेटी का जन्म हुआ. ये संघर्ष चाहे छह महीने चले या साल, हम वापस नहीं मुड़ेंगे."

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की

किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी कल सामूहिक उपवास करेगी
आम आदमी पार्टी गोपाल राय ने कहा, 'कल दिल्ली में ITO पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों और पार्षदों द्वारा सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक किसानों के समर्थन में सामूहिक उपवास किया जाएगा. आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों के समर्थन में पूरी तरह से हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है.'
पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बढ़ाई चौकसी
किसानों द्वारा जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-8 को बंद करने की योजना के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की हरियाणा से लगती सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है. शहर की पुलिस ने अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती करके और ज्यादा संख्या में कंक्रीट के अवरोधकों लगाकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों को असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं.
दो कदम किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, "दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें. वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं. हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं. मुझे लगता है कि जल्द ही अगली बैठक होगी."
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के जवाब में बीजेपी भी उतरेगी मैदान में
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदेालन की मध्य प्रदेश में भी सुगबुगाहट तेज होने लगी है. किसानों का भोपाल में आंदोलन चल रहा है तो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरु होने वाला है. इसी बीच बीजेपी ने भी किसानों के बीच जाकर कानूनों की हकीकत बताने का फैसला लिया है.
कृषि कानूनों को रद्द करना ही एकमात्र मांग
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना ही किसानों की एकमात्र मांग है और कुछ 'कॉस्मेटिक' संशोधनों से इन कानूनों को किसान हितैषी नहीं बनाया जा सकता है. 1980 से 2009 तक लगातार आठ बार लोकसभा के सदस्य रह चुके मोल्लाह ने इन कानूनों को किसानों की 'मौत का परवाना' करार देते हुए कहा कि जब सरकार 70 साल पुराने श्रम कानूनों को एक झटके में खत्म कर सकती है तो इन कानूनों को खत्म क्यों नहीं कर सकती.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सिंगरौली में हवाई पट्टी के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, "तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं. विपक्षी दल भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं."
सिंघु बॉर्डर : किसान आंदोलन का प्रभावशाली केंद्र
दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर पहला प्रमुख किसान आंदोलन स्थल सिंघु बॉर्डर, किसानों के धरने के लिए भविष्य की रणनीति बनाने के साथ किसानों के प्रदर्शन के लिए एक प्रभावशाली केंद्र बन गया है. आंदोलन का मैदान, जहां अधिकांश किसान पंजाबी हैं, अब उन सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, जो इनके समर्थन में खड़े हैं. देशभर के गायक, पहलवान और राजनेता किसानों के समर्थन में आए हैं, सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसानों से मिले हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा- 6 सालों से हर मुद्दे पर देश में दुविधा पैदा कर रही कुछ ताकतें
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'किसानों ने उस वक्त जो बातें कहीं थी जब सरकार उन सारी चीजों को मान रही है तो दुविधा का सवाल कहां खड़ा होता है? दुविधा सिर्फ उन ताकतों ने खड़ी करने की कोशिश की है जो 6 सालों से हर मुद्दे पर देश में दुविधा पैदा कर रही हैं.'
किसान जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा) पर दिल्ली कूच करने के लिए और लोगों के आने का इंतजार कर रहे हैं. राष्ट्रीय किसान महासभा राजस्थान के संयोजक ने बताया, "राजस्थान के और संगठन और कार्यकर्ता आ रहे हैं. अधिक लोग आएंगे तो हम दिल्ली कूच करेंगे."


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), तीन कानून और किसान के जितने भी मुद्दे हैं उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे. जब तक ये (कानून) वापस नहीं होते किसान यहां से नहीं जाएगा.'
किसान आंदोलन के चलते चरखी-दादरी में धारा-144 लागू
हरियाणा में चरखी-दादरी के जिलाधीश राजेश जोगपाल ने पूरे जिले में धारा-144 लगाए जाने के आदेश दिए हैं. कुछ किसान संगठनों के आह्वान पर 12 से 14 दिसंबर तक होने वाले विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से यह आदेश जारी किए गए हैं.
आज शाहजहांपुर से किसानों का दिल्ली कूच
आज सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से किसान दिल्ली के लिए कूच करने वाले हैं. संडे के दिन दिल्ली को सील करने की पूरी तैयारी कर रखी है. पंजाब और हरियाणा से दिल्ली के लिए किसानों का जत्था निकल चुका है. वहीं दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बॉर्डर को 12 दिनों बाद खोल दिया गया है. किसान कृषि कानून रद्द करने की अपनी मांग पर अभी भी अड़े हुए हैं.
आगरा-अलीगढ़ राजमार्ग पर पुलिस-किसानों के बीच तनातनी
नए कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसानों ने कई टोल प्लाजा को टोल मुक्त करा दिया, जबकि खंदौली में यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा-अलीगढ़ राजमार्ग पर पुलिस और किसानों के बीच तनातनी हो गई. पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में ले लिया. टोल प्लाजा और राजमार्ग पर पुलिस बल को तैनात किया गया. किसान नेताओं को नजरबंद भी किया गया है.
किसानों ने रविवार से आंदोलन और तेज करने की धमकी दी
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान शनिवार को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में राजमार्गों के ‘टोल प्लाजा’ पर एकत्र हुए. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि जल्द ही दिल्ली की सीमाओं पर और भी हजारों लोग पहुंचेंगे और अपने आंदोलन को तेज करेंगे.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने किसान आंदोलन को दिया समर्थन
जमात-ए-कइस्लामी हिंद (जेआईएच) ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया और कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को लाभ देने के लिए देश के कृषि कानूनों को बदला जा रहा है. इस्लामिक संस्था के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों को जेआईएच समर्थन देता है. देश के कृषि कानूनों को बदलना बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने की योजना का हिस्सा है.
विपक्षी दल किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं. मौर्य ने कहा, ‘‘किसान हमारे अन्नदाता हैं. उन्हें किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. उन्हें आश्वस्त हो जाना चाहिए कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) या मंडी की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी.’’
हरियाणा में किसानों की एक टीम ने कानूनों में संशोधन वाला सरकार का प्रस्ताव स्वीकार किया

हरियाणा के किसानों के एक समूह ने कानूनों में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. अपने छह-सूत्रीय स्वीकृति पत्र में किसानों ने कहा है, "हम सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधनों के साथ तीन कृषि कानूनों को जारी रखने के लिए तैयार हैं. केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए भेजे गए नए संशोधन प्रस्तावों के साथ इन कानूनों को जारी रखा जाना चाहिए. हम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) को जारी रखने के बारे में आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाई गई मांगों का समर्थन करते हैं."
आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कराएंगे भाकियू के नेता

तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की पंजाब इकाई ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को बंद करने की चेतावनी दी थी. लेकिन हाईवे बंद कराने कोई नेता पहुंचा ही नहीं. संगठन ने अब रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है. दरअसल, भारतीय किसान यूनियन ने अपने स्थानीय नेताओं को शनिवार को दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करने की जिम्मेदारी दी थी.
किसान संगठन ने चिल्ला बार्डर पर धरना खत्म करने का फैसला किया
नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाले एक मुख्य मार्ग को देर रात फिर से खोल दिया गया. चिल्ला बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते एक दिसंबर से नोएडा-दिल्ली लिंक रोड अवरूद्ध था. नोएडा के उप पुलिस आयुक्त (डीसीपी) राजेश एस ने देर रात बताया, "किसान प्रदर्शन स्थल को खाली करने के लिए राजी हो गए और सड़क पूरी तरह से फिर से खुल जाएगी. कुछ प्रदर्शनकारी वहां अभी भी हैं लेकिन वे जल्द ही इसे खाली कर देंगे."
किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "किसान के कुछ नेताओं ने इस आंदोलन को हाइजैक कर लिया है. नक्सल-माओवादी ताक़तें जो वहां हावी हो गई हैं. ऐसे में किसानों को समझना पड़ेगा कि ये आंदोलन उनके हाथ से निकल कर इन माओवादी और नक्सल लोगों के हाथ में चला गया है." उन्होंने कहा कि हमने उनकी (किसानों की) पुरानी बातों में से निचोड़ निकालकर जो उनके संदेह नज़र आए उस पर एक बहुत अच्छा प्रपोजल दिया, लेकिन उस पर भी कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि माओवादी और नक्सल उन्हें चर्चा से रोक रहे हैं.
किसान आंदोलनों के चलते नोएडा और गाज़ियाबाद से चिल्ला और गाज़ीपुर बॉर्डर के ज़रिए दिल्ली आने वाले ट्रैफिक को रोक दिया गया है. भोपरा, अपसरा, डीएनडी और आनंद विहार बॉर्डर्स होकर दिल्ली आने वाले लोगों को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक रूट लेने की सलाह दी है.
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय किसान यूनियन (भानू) के नेताओं के साथ मुलाकात की.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि सरकार किसानों की शंका को दूर करने के लिए तैयार है. पीएम ने किसानों को भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि संवाद से ही रास्ता निकलेगा. एमएसपी बंद नहीं होने वाली है. उन्होंने ये भी कहा कि एमएसपी पर लिखित भरोसा देने को तैयार हैं. उन्होंने ये भी कहा कि एपीएमसी बंद नहीं होंगे. साथ ही धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को अपनी जागीर समझती है. देश विरोधी ताकतें आंदोलन को हवा दे रही हैं.
किसान नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने एलान किया है कि सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि और अध्यक्ष स्टेज पर 14 तारीख को अनशन पर बैठेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हम अपनी माताओं और बहनों से इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करते हैं. उनके रहने, ठहरने और टॉयलेट का प्रबंध करने के बाद हम उन्हें इस आंदोलन में शामिल करेंगे.
आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा, "किसान विरोधी तीन बिल जिस दिन लोकसभा में आए, अगर मैं उस दिन लोकसभा में होता तो, निश्चित रूप से जिस तरह से अकाली दल ने विरोध किया, हनुमान बेनीवाल NDA का पार्ट होते हुए भी इन बिलों का विरोध करता और लोकसभा के अंदर बिलों को फाड़कर फेंक देता." उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस या अन्य दलों के राजनीतिक शिकार नहीं होना चाहते. इसलिए हनुमान बेनीवाल यह प्रण लेता है कि बिना किसी लोभ-लालच के किसानों के लिए अगर मुझे संसद की सदस्यता से इस्तीफा भी देना पड़ा तो वह भी दूंगा.
हरियाणा के जींद में एक कार्यक्रम के दौरान किसानों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह को काले झंडे दिखाए. जिले की जाट धर्मशाला में शनिवार को जाट धर्मार्थ सभा द्वारा दीनबंधु छोटूराम की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह ने शिरकत की. कार्यक्रम व किसान आंदोलन को देखते हुए जाट धर्मशाला और आसपास क्षेत्र में पुलिसबल को तैनात किया गया था. कार्यक्रम जैसे ही समाप्त हुआ और बीरेंद्र सिंह अपनी कार में बैठ कर जाने लगे, तभी कुछ लोगों ने सामने आकर काले झंडे लहराए. इस दौरान इन लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
किसान आंदलोनों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हरियाणा के किसान नेताओं से मुलाकात की है. उनकी ये बैठक कृषि भवन में हुई.
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक के बाद कहा कि जब तक मैं हरियाणा सरकार में हूं, प्रत्येक किसान के लिए एमएसपी सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इस समय स्थिर है, एमएसपी मुद्दे पर हमारा ठोस रुख है.
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद कहा, "मुझे उम्मीद है कि किसान यूनियन और केंद्र के बीच आपसी सहमति है और हम इस मसले को बातचीत के ज़रिए सुलझा लेंगे. मुझे उम्मीद है कि अगले 28 से 40 घंटे में एक और बार बातचीत होगी और कुछ निर्णायक बयान सामने आ सकते हैं."
किसान आंदोलन के बीच जननायक जनता पार्टी के नेता और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है.
किसानों के आंदोलन को लेकर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई खेत, खलिहान की है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों को टरकार रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों से न टकराए.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि खेती नहीं करते वो किसानों को ज्ञान दे रहे हैं. छोटा किसान दूसरे राज्य कैसे जाएगा. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में छोटा किसान फसल कैसे बेचेगा.
शिवसेना नेता संजय राउत ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "सरकार आंदोलन में अब तक फूट नहीं डाल सकी है, उन्हें(किसानों) कभी खालिस्तानी, कभी पाकिस्तानी कहेंगे. वो किसान हैं और उन्हें पूरे देश का समर्थन है."
राकेश टिकैत बोले- आज बारिश से बचने का तरीका ढूंढ़ेंगे
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में तेजी आती नजर आ रही है. एक तरफ जहां इस आंदोलन को धार देने के लिए राजस्थान के किसान भी सामने आते नजर आ रहे हैं तो वहीं सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने तंज कसते हुए कहा, "आज बारिश आएगी इससे बचने का तरीका ढूढंगे कि कैसे खुले में आने वाले लोगों को बचाना है. अपनी झोंपड़ी और अपनी पराली को गीला होने से बचाएंगे. अगर ये भीग गई तो किसानों को दिक्कत होगी."
ईस्टर्न पेरिफेरल और NH-91 पर टोल मुक्त करा विरोध दर्ज कराया
भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के कार्यकर्ताओं ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग- 91 और सिरसा रामपुर के पास टोल मुक्त करा कर अपना विरोध जताया है. इस दौरान वाहन चालक बिना टोल दिए आराम से टोल बैरियर से पास हुए. भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष (युवा) गौरव टिकट के नेतृत्व में कार्यकर्ता सुबह से ही सिरसा, रामपुर टोल पर जुटने शुरू हो गए थे.
किसानों की माली हालत सुधारने का चौतरफा प्रयास
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार का मकसद किसानों की माली हालत में सुधार लाना है और इसके लिए चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं. इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अहम कदम उठाए गए हैं, जिनका लाभ किसानों को मिलना शुरू भी हो गया है.
अशांति फैलाने वाले तत्वों पर यूपी पुलिस की कड़ी नजर
यूपी के एडीजी ने कहा, 'अभी तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है. कोई शरारती तत्व किसानों के बीच घुसकर अव्यवस्था न फैलाए, हम इसका भी ध्यान रख रहे हैं. जो लोग अशांति फैलाना चाहते हैं और प्रदर्शन को हिंसात्मक रूप देना चाहते हैं उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.'
पंजाब-हरियाणा टोल प्लाजा पर कब्जा कर किया शुल्क मुक्त
पंजाब और हरियाणा समेत दिल्ली हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कब्जा कर लिया है. उन्होंने यहां से गुजर रहे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए गुजरने दिया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृहनगर करनाल में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बस्तरा टोल प्लाजा और करनाल-जींद राष्ट्रीय राजमार्ग 709-ए पर पिऑन्ट टोल प्लाजा को बंद कर दिया है.
आंदोलन की थाह लेने योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी के दौरे पर निकले
भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में पश्चिमी यूपी के किसान आंदोलन पर हैं. किसान आंदोलन की थाह लेने योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी के दौरे पर निकल पड़े हैं. अपने इस दौरे में यूपी के मुख्यमंत्री बीजेपी के सांसदों, विधायकों और लोकल नेताओं से लंबी बातचीत करेंगे. योगी की पश्चिमी यूपी यात्रा का ख़ास मक़सद किसान आंदोलन से निपटना और उन्हें अपना बनाना है.
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख एसएस बादल ने कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने किसानों की बात सुनने के बजाय, आवाज को दबाने की कोशिश की. किसान कृषि कानून नहीं चाहते हैं. केंद्र ऐसा अत्याचार क्यों कर रहा है, जब जिन किसानों के लिए कानून बनाया गया है, वही नहीं चाहते हैं? मैं प्रधानमंत्री से किसानों की बात सुनने का अनुरोध करता हूं.'
पीएम मोदी ने 25 से ज्यादा बार किसानों को समझाने की कोशिश की
कृषि सुधार कानूनों के एलान के बाद से प्रधानमंत्री मोदी अलग अलग मंचों पर 25 से ज्यादा बार इसके बारे में बात कर चुके हैं. 15 अगस्त को लालकिले के प्राचीर से लेकर बिहार चुनाव तक पीएम मोदी ने इन कानूनों के बारे में बताया. प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में तीनों कृषि कानूनों के हर पहलू को समझाया. कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की.
दिल्ली जाने के लिए कौन-सा रूट इस्तेमाल करें
किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा, गाजियाबाद से यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर सीमाओं को बंद किया गया है. आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा एवं भोपरा सीमाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. टिकरी और धानसा सीमाएं भी यातायात के लिए बंद हैं हालांकि झाटीकरा सीमा दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुली है.
दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए
किसानों द्वारा जयपुर-दिल्ली एवं दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आज शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं. प्रदर्शन स्थलों पर यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इस लिहाज से भी कुछ उपाय किए गए हैं.
"17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा"
कांग्रेस ने 11 प्रदर्शनकारी किसानों की मौत होने का दावा किया
कांग्रेस ने दावा किया है कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में 11 किसानों की मौत हो गई. इसके बाद भी केंद्र की भाजपा सरकार का दिल नहीं पसीज रहा. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, "कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?"
FICCI के वार्षिक सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, 'नए कानून के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे, नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा. इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा.'
कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. भारतीय किसान यूनियन से श्यामसुंदर ने बताया, "आज हमने टोल प्लाज़ा पर मुफ्त टोल किया है. सरकार बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं है."
गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर गुरुग्राम पुलिस तैनात हो गई है. सरहोल बॉर्डर पर गुरुग्राम पुलिस तैनात है. किसानों द्वारा नेशनल हाइवे जाम के आह्वान को देखते हुए जगह जगह पुलिस तैनात है.
कुरुक्षेत्र से दिल्ली की तरफ आ रहे किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान कुरुक्षेत्र से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम 6 महीने का राशन साथ लेकर आए हैं. हमारे साथ करीब 1200 ट्रॉली जा रही हैं."
किसानों ने कल देर रात करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा को बंद किया

दिल्ली-आगरा हाईवे और बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की तैयारियां
दिल्ली-आगरा हाईवे और बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने अपनी तैयारियां कर ली है. बैरिकेड कटीले तारों के साथ यहां पर लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस की फिलहाल तीन कंपनी फोर्स लगाई की गई है. किसान होडल की तरफ मौजूद हैं, जो दिल्ली से काफी दूर है. अगर किसान दिल्ली की तरफ बढ़ते हैं और यहां पहुंचते हैं तो उनको अंदर घुसने से रोका जा सके, हाईवे को बंद करने से रोका जा कर जा सके, इसी को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी तैयारियां कर ली है.
प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

दिल्ली बॉर्डर पर आवाजाही की क्या स्थिति है
दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि सिंघु, टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है. हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी, एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं.
फसल के साथ बिजली भी पैदा करेंगे किसान
यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसान अब फसल के साथ बिजली भी पैदा करेंगे. पूरे प्रदेश में इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. अतिरिक्त ऊर्जा या नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग कर किसान बंजर भूमि पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे और उत्पादित बिजली का अपने उपभोग के बाद शेष को उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन को बेच देंगे. इससे उनकी आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी हासिल होगा.
आंदोलन और मजबूत होगा, कल अमृतसर से ट्रैक्टर निकले

युवराज सिंह किसान आंदोलन के समर्थन में आए
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह आज 39 साल के हो गए हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में युवराज सिंह ने इस साल बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करने का फैसला किया है. बर्थडे के दिन अपनी इच्छा जाहिर करते हुए युवराज सिंह ने कहा है कि वह चाहते हैं किसानों की सारी मांगें जल्द से जल्द पूरी हो जाएं.
चंडीगढ़ में किसानों के आंदोलन की वजह से एयरपोर्ट जाने वाला रास्ता बंद, खेतों से होकर एयरपोर्ट जाते दिखे इंडिगो के पायलट और स्टाफ
एक इंडिगो चालक दल को 'भारत बंद' के दिन चंडीगढ़ के पास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जाने के दौरान सड़क के पास खेतों के बीच एक संकीर्ण रास्ते पर अपना सामान खींचते हुए देखा गया, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसानों ने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' मनाया था.
किसानों की एक सबसे बड़ी आशंका
दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि इस कानून का फायदा कॉरपोरेट कंपनियों को होगा, क्योंकि कानून उन्हीं के हितों का ध्यान में रखकर बनाया गया है. नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे किसानों को एक बड़ी आशंका है कि इस कानून के तहत करार का निपटारा एसडीएम के स्तर पर होने से गरीब किसान को न्याय नहीं मिल पाएगा. इस मसले पर सरकार ने उन्हें मौजूदा प्रावधान के साथ-साथ सिविल कोर्ट जाने का प्रावधान कानून में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है.
खेती के करार कानून के 5 फायदे गिनाते हैं भारत सरकार के अधिकारी
सरकार की ओर से गठित समिति के अध्यक्ष अशोक दलवई ने नए कानून में किसानों के लिए पांच फायदे गिनाए
1. फसलों की कटाई के बाद कीमतों में जो उतार-चढ़ाव होता है उसके बारे में किसानों को पहले पता नहीं होता है, लेकिन करार में कीमत पहले ही तय हो जाएगी, जिससे किसानों को पहले से तय कीमत मिलने का भरोसा रहेगा.
2. किसानों को एक्सटेंशन टेक्टनोलॉजी मिलेगी. मतलब किस फसल का उत्पादन करना है और किस वेरायटी का उत्पादन करना है, जिसकी मांग होगी.
3. सेवा का उत्तरदायित्व स्पांसर या खरीदार उठाएगा. मसलन, वाटर मैनेजमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट आदि की जिम्मेदारी स्पांसर ले सकता है.
4. जमीन को लेकर कोई करार नहीं होगा. यह करार सिर्फ फसल का होगा.
5. किसी प्रकार के विवाद की सूरत में समाधान सरलता से किया जाएगा. पहले गांव में ही ग्राम पंचायत स्तर पर विवादों का निपटारा किया जाएगा और ऐसा नहीं होने पर एसडीएम के स्तर पर विवादों का निपटारा किया जाएगा.
सरकार ने MSP पर अब तक 368.7 लाख टन धान की खरीदारी की
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 10 दिसबंर 2020 तक धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 फीसदी बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है. यह खरीद 69,612 करोड़ रुपये में की गई. अक्टूबर 2020 से शुरू हुए मौजूदा खरीफ विपणन सत्र 2020- 21 में सरकार लगातार नयूनतम समर्थन मूलय पर किसानों से खरीफ फसलों की खरीदारी कर रही है.
किसान आंदोलन को नियंत्रित करना चाहते हैं असामाजिक, वामपंथी और माओवादी तत्व
सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा है कि वे अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने देने के लिए सतर्क रहें. साथ ही, कहा कि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं लेकिन कुछ ‘असामाजिक, वामपंथी और माओवादी’ तत्व आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं.
सरकार अगर किसानों से बात करना चाहती है तो औपचारिक न्यौता भेजे
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि सरकार किसान नेताओं से बातचीत करना चाहती है, तो उसे पिछली बार की तरह औपचारिक रूप से संदेश देना चाहिए. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नए कृषि कानूनों को खत्म किए जाने से कम, कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा.
किसानों के मुद्दे पर अगले हफ्ते विपक्ष की बैठक की योजना
प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा सरकार के प्रस्तावों को खारिज करने के बाद अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए सभी विपक्षी दल अगले हफ्ते बैठक कर सकते हैं. विपक्ष ने 25 राजनीतिक दलों के समर्थन का दावा किया है, लेकिन मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल में केवल पांच लोग शामिल थे. जिनमे से कांग्रेस के राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी.राजा और डीएमके के टी.के.एस इलांगोवन हैं, जबकि अधिकांश अन्य विपक्षी नेता दिल्ली में नहीं थे.
टोल फ्री होंगे टोल नाके
केंद्र सरकार से बातचीत ना बनने के बाद जहां एक तरफ किसानों ने दिल्ली जयपुर और दिल्ली आगरा हाईवे को आज से बंद करने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने देशभर के सभी टोल नाकों को भी टोल फ्री करने का एलान किया है. देशभर में यदि सभी टोल प्लाजा 1 दिन के लिए भी फ्री रहते हैं तो इससे करोड़ों रुपए का नुकसान होता है.
आज से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद करने का फैसला
दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का दायरा आज से और ज़्यादा बढ़ने का अनुमान है. किसान अभी तक दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर्स पर बैठे हैं. लेकिन, आज से किसानों की ऐसी ही तस्वीरें दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली आगरा बॉर्डर से भी आ सकती हैं.
गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा, 'हरियाणा भी हमारा भाई है उसे भी टोल प्लाज़ा फ्री करने चाहिए. साथ ही पूरे देश में ये फ्री होने चाहिए. जब पूरे भारत के संगठन मिलकर फैसला लेंगे तब आने वाले समय में रेलें भी रोक ली जाएंगी.'
कृषि मंत्री ने कहा, 'सर्दी का मौसम है और कोरोना का संकट है, किसान बड़े खतरे में पड़े हुए हैं. आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है, दिल्ली की जनता परेशान हो रही है. इसलिए जनता के हित में, किसानों के हित में उनको (किसानों) अपने आंदोलन को खत्म करना चाहिए.'
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'भारत सरकार के बहुत सोच समझकर कृषि कानून बनाया है. किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए बनाया गया है. किसानों के साथ सालों से जो अन्याय हो रहा है, उसे दूर करने के लिए बनाया है. लेकिन फिर भी सरकार किसानों यूनियनों से बातचीत करके कानून में सुधार लाने के लिए तैयार है.'
भाजपा सरकार पोषण करने वालों का शोषण करना बंद करे: अखिलेश
समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन को लेकर भाजपा पर हमला बोला और कहा कि भाजपा सरकार पोषण करने वालों का शोषण करना बंद करे. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कों पर ठिठुरते आंदोलनकारियों की जायज मांगों को लेकर भाजपा सरकार हृदयहीन रवैया अपनाकर किसानों की घोर उपेक्षा कर रही है. इस पर जो वैश्विक प्रतिक्रिया आ रही है, उससे दुनियाभर में भारत की लोकतांत्रिक छवि को गहरी ठेस पहुंची है. भाजपा सरकार पोषण करनेवालों का शोषण करना बंद करे.
दिल्ली बॉर्डर पर आवाजाही की क्या स्थिति है
दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है. यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं.
आज दो बजे किसानों संगठनों की अहम बैठक होनी है. बैठक में किसान आगे की रणनीति पर बातचीत करेंगे. किसान कृषि कानून रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने आंदोलन को और तेज करने की धमकी दी है.
राहुल गांधी के ट्वीट पर बिहार कृषि मंत्री और बीजेपी नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, "पंजाब को आगे ले जाने का काम हमने ही किया, उनके राज करने के कारण किसानों की आय नहीं बढ़ी बल्कि किसानों की आय पहले से ही बढ़ी थी. हमने भी वहां राज किया. बिहार की आय बढ़ी है ये जानकारी राहुल गांधी को नहीं है."
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के कृषक पंजाब के किसानों के बराबर आय चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी आय बिहार के किसानों के बराबर करना चाहती है. उन्होंने किसान औसत आय से जुड़ा एक ग्राफ शेयर करते हुए ट्वीट किया, "किसान चाहता है कि उसकी आय पंजाब के किसान जितनी हो जाए. मोदी सरकार चाहती है कि देश के सब किसानों की आय बिहार के किसान जितनी हो जाए."
पंजाब से 30 हजार किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केद्र सरकार के साथ जारी गतिरोध के बीच पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 30,000 किसानों का एक जत्था सुबह राष्ट्रीय राजधानी की ओर रवाना हुआ. ट्रैक्टर-ट्रेलर, बसों, कारों और मोटरसाइकिलों पर खाने-पीने के सामानों के साथ किसान मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े अधिकांश किसानों ने अमृतसर शहर से अपनी यात्रा शुरू की. रास्ते में अन्य जिलों से संबंधित किसान उनसे जुड़ रहे हैं. वे शनिवार शाम को राजधानी की कुंडली सीमा पर पहुंचेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा."
भारतीय जनता पार्टी आज से नए कृषि बिलों पर देश के सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल आयोजित करेगी. आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 चौपाल आयोजित की जाएंगी.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता ऋषि पाल सिंह ने कहा, "आज तक PM की मन की बात पूरी जनता ने सुनी, लेकिन आज जब जन का नंबर आया तो वो हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. किसान MSP में लिखित कानून की गारंटी की ही मांग कर रहा है लेकिन सरकार इस पर पता नहीं क्यों गुमराह करने में लगी हुई है."
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का दूसरा जत्था अमृतसर से कुंडली बॉर्डर के लिए रवाना हो चुका है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने कहा, "करीब 50,000 किसान-मजदूर कुंडली बॉर्डर की ओर जाएंगे."
आंदोलन के बीच पीएम मोदी की अपील, बोले- किसान कानून पर मेरे दो सहयोगियों की बात जरूर सुनें
सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे, बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

खिलाड़ियों के समूह और किसानों ने लांड्री सेवाएं शुरू कीं
खिलाड़ियों और किसानों के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों को साफ कपड़ों के लिए बार बार घर का चक्कर लगाने से बचाने के लिए दिल्ली के सिंघु बार्डर पर कई वाशिंग मशीनें लगाकर लांड्री सेवाएं शुरू की हैं. ये वाशिंग मशीनें रोजाना आठ-10 घंटे चलती हैं. किसानों के फोन नंबर और ठहरने की जगह का ब्योरा लिया जाता है और धुले हुए कपड़े उन्हें पहुंचा दिए जाते हैं. पंजाब के कबड्डी खिलाड़ी निशांत सिंह ने कहा, "हम करीब 12 लोग हैं और हम बारी बारी से कपड़े धोते हैं. उसके बाद वहां हम सफाई कर देते हैं."
हमारा विरोध प्रदर्शन गैर राजनीतिक है: किसान नेताओं ने कहा

टिकरी बॉर्डर पर किसानों के हाथों में उमर खालिद, सुधा भारद्वाज और अन्य की रिहाई की मांग करने वाले पोस्टर होने को लेकर एक सवाल के जवाब में किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा, 'उन्हें नहीं पता कि टिकरी बॉर्डर पर क्या हुआ. किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक नहीं है.' उन्होंने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर हुई घटना किसानों के मानवाधिकार दिवस मनाने का तरीका रहा होगा.
कुंडली बॉर्डर के लिए अपना दूसरा जत्था रवाना करने से पहले अमृतसर के गोल्डन टेंपल में पूजा

आंदोलन तेज करने की धमकी
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि नए कृषि कानून से संबंधित सभी मुद्दों पर सरकार ने किसान नेताओं को संशोधन प्रस्ताव भेजा है, जिन पर उन्हें विचार करना चाहिए. लेकिन किसान नेताओं ने अपना आंदोलन तेज करते हुए 12 दिसंबर को देशभर में सड़कों पर लग रहे टोल को फ्री करवाने के अलावा 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
किसानों से आंदोलन छोड़ सरकार से बातचीत जारी रखने की अपील
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल ने किसान नेताओं से आंदोलन का रास्ता छोड़ सरकार से बातचीत जारी रखने की अपील की है. मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए नए कानूनों से किसानों को फायदा होगा, इसलिए किसानों को इसे वापस लेने की मांग त्याग कर इसके फायदे के बारे में विचार करना चाहिए. किसानों को इन कानूनों से संबंधित जो भी शंकाएं हैं, उनका समाधान करने के लिए सरकार तैयार है.
सिंघू बॉर्डर पर तैनात दो IPS अफसर कोरोना पॉजिटिव
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान फोर्स को लीड करने वाले दो आईपीएस अधिकारी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. इन अफसरों में आउटर-नॉर्थ के डीसीपी गौरव और एडीशनल डीसीपी घनश्याम बंसल हैं. जो जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ये दोनों ही आईपीएस अफसर होम आइसोलेशन में चले गए हैं.
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार 10वें दिन भी जारी
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन बृहस्पतिवार को 10वें दिन भी जारी है. चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जनता की परेशानी को देखते हुए बुधवार शाम को दिल्ली से नोएडा की तरफ आने वाले रास्ते को खुलवा दिया गया है. दोनों तरफ का रास्ता बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही थी, इसलिए एक तरफ का रास्ता खोल दिया गया है और किसान अब आधे रास्ते में बैठकर धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को बंद रास्तों से बचने को कहा
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को बंद रास्तों के बारे में जानकारी दी. पुलिस ने ट्वीट करके कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए अब भी बंद हैं, वहीं झटीकरा बॉर्डर हल्के वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है. हरियाणा जाने के लिए झाडौदा, धौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेडा बॉर्डर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे है. जानकारी मिल रही है कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं और किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील कर सकते हैं.
संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है. सरकार संशोधन चाहती है. संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है. हम चाहते है पूरा बिल वापस हो. बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है. सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से MSP को लेकर भी बिल लाए."
बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा, "सरकार किसानों को मजबूत करने के लिए बिल लाई है न कि कमजोर करने के लिए. मोदी जी के पीएम रहते किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता. दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष किसानों के कंधे को अपनी वैशाखी बनाना चाहता है. कांग्रेस और अन्य दलों को ऐसी ओछी हरकत नहीं करनी चाहिए."
सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं. किसान नेता मंजीत सिंह ने कहा, "सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए. सरकार गलतफहमी में है. हमारा आंदोलन बढ़ रहा है. यहां से 5,000 लोग जाते हैं लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं. सरकार पर दबाव बढ़ रहा है."
14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान
किसान संगठनों के नेताओं मुताबिक उत्तर भारत के सभी किसानों के लिए 14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, जबकि दक्षिण भारत में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिए कहा गया है. किसान नेताओं ने कहा कि वे 14 दिसंबर को भाजपा के मंत्रियों, पार्टी के जिला कार्यालयों का घेराव करेंगे और पार्टी के नेताओं का बहिष्कार करेंगे.
देश को बर्बाद कर देगी हवा में चल रही सरकार: कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नए कृषि कानूनों को 'किसानों के शोषण का कानून' करार दिया और कहा कि केंद्र सरकार हवा में चल रही है और पूरे देश को बर्बाद कर देगी. कमलनाथ ने बुधवार देर रात एक विवाह समारोह में हिस्सा लेने के दौरान कहा, "यह सरकार आज हवा में चल रही है और हमारे पूरे देश को बर्बाद कर देगी. आज हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि किसानों के साथ न्याय हो और उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य मिले."
गृह मंत्री के साथ किसानों की कल हुई बैठक में भी गतिरोध दूर नहीं हो पाया था. सरकार इन कानूनों को किसान हितैषी बताकर उन्हें बरकरार रखने पर अड़ी है. गृह मंत्री के साथ हुई बैठक के बारे में कक्का ने दावा किया, "जब हमने अमित शाह से पूछा कि सरकार ने तीनों कानून बनाने के पहले किसानों के साथ विचार-विमर्श क्यों नहीं किया, तो उन्होंने माना कि कुछ भूल हुई थी."
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "हमारी सरकार के नेता किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात कर रहे हैं. प्नधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी को बढ़ाने की दिशा में जो फैसला लिया था यह उसका ही नतीजा है कि आज देश के कई हिस्सों में किसानों ने बीजेपी के खिलाफ विरोध नहीं किया."
यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा, "हम किसानों से हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि आप विरोधी पार्टियों के बहकावे में ना आएं. हमारी सरकार आपके हित के लिए कृत संकल्प है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हमारे वरिष्ठ नेता आपके संपर्क में है. हमारी सरकार ने MSP को बढ़ाने का काम किया है."
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 15वें दिन भी जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक किसान ने बताया,"सरकार अभी भी लोगों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है. लोगों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा, क्या दिक्कत आ रही उस पर सरकार थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रही है. सरकार जानबूझकर अड़ी हुई है."
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने बुधवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर जारी किसानों विरोध प्रदर्शनों के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) को लेकर पहले मुसलमानों को गुमराह किया गया, लेकिन ये प्रयास सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि अब किसानों को बताया जा रहा है कि नए कानूनों के कारण उन्हें नुकसान होगा. दानवे ने महाराष्ट्र के जालना जिले के बदनापुर तालुका में कोल्टे तकली स्थित एक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं.
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बुधवार को कहा कि ‘‘हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया.’’ उन्होंने कहा कि मीडिया के एक धड़े में दिखाया जा रहा है कि किसान संगठनों में मतभेद है, लेकिन यह सच नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया. यह सर्वसम्मत फैसला है, ना कि बहुमत का...ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ लोग इस पर सहमत हो, कुछ लोग नहीं हो. अगर सभी संगठनों ने कहा कि कानून को वापस लिया जाना चाहिए तो यह हमारा फैसला है...निजी राय का सवाल ही नहीं उठता है.’’
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे. सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच बुधवार को होने वाली छठे दौर की बातचीत को रद्द कर दिया गया था, लेकिन दोनों पक्षों ने कहा है कि वे वार्ता के लिए तैयार हैं.

बैकग्राउंड

कृषि सुधार कानूनों लेकर दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है. कल किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन और तेज करने की भी बात कही. किसानों ने साफ तौर पर कहा कि हम सरकार को सिर्फ एक लाइन का जवाब भेजेंगे कि हमें आपका प्रस्ताव नामंजूर है.


 


गृहमंत्री के घर बैठक, कृषि मंत्री भी शामिल हुए
वहीं दूसरी ओर से कानून वापसी पर अड़े किसानों को मनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर औऱ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया तोमर ने शाह से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि किसानों को कोई नया प्रस्ताव भेजा जाए या नहीं.


 


किसान बोले- आंदोलन तेज करेंगे, कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं
सरकार के 20 पन्नों के प्रस्ताव को तसल्लीबख्श पढ़ने के बाद भी किसानों ने खारिज कर दिया. सरकार के दिए प्रस्ताव को आंदोलनकारी किसानों ने गोल-मोल बताया. किसानों ने कहा कि जो बातें पिछले पांच मीटिंग के दौर हुईं, सरकार ने अपने प्रस्ताव में उन्हीं बातों को लिखा है.


 


किसानों ने बताा कि 14 को पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन होगा. दिल्ली के आसपास के राज्यों में धरने होंगे. 12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री कर दिया जाएगा. 12 तारीख को या उससे पहले दिल्ली जयपुर हाइव को बंद कर दिया जाएगा. किसानों ने रिलायंस और जियो के सभी प्रोडॉक्ट का बायकॉट करने की भी अपील की.


 


क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

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