नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी किसान आंदोलन को लेकर अब किसान संगठनों की ओर से एक साझा रणनीति बनाने की तैयारी हो रही है. इसी सिलसिले में 50 किसान संगठनों के प्रतिनिधि आज दिल्ली में बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए आगे की योजना पर विचार किया जाएगा. ऐसे में मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.


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किसान आंदोलन को तेज करना है बैठक का मुद्दा


आज 50 किसान संगठनों की दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में सुबह दस बजे बैठक होने जा रही है. बैठक का मुद्दा किसान आंदोलन को तेज करना है. किसान संगठन पहले ही 9 अगस्त को देशभर के हाईवों को जाम करने और जनवरी में दिल्ली में एक बड़ा किसान आंदोलन करने की योजना बना चुके हैं.


जिन राज्यों में किसान आंदोलन की आग फैली हुई है उनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं.


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गुजरात में कांग्रेस ने कमर कसी


गुजरात में कांग्रेस ने धमकी दी है कि अगर यहां भी किसानों की मांगें जल्द पूरी नहीं होती तो वो राज्यव्यापी प्रदर्शन शुरू कर देगी. इसी साल चुनावों से पहले किसानों के मुद्दे को लेकर राज्य में कांग्रेस पहले ही आक्रामक है.


किसानों के अल्टीमेटम का आखिरी दिन


महाराष्ट्र में किसानों की तरफ से फणडवीस सरकार को दिए गये दो दिन के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन है. अगर यहां किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं तो महाराष्ट्र में 12 जून से किसानों का आंदोलन फिर शुरू होगा. इस बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 6 सदस्य मंत्रिमंडल समूह का गठन किया है जो किसानों से बातचीत के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.


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आज 'आप' का देशभर में प्रदर्शन


किसानों की मांगों को लेकर आज आम आदमी पार्टी भी देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी. शुक्रवार को आप नेताओं ने किसानों से मिलने के लिए मंदसौर जाने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया था.


महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का हाल देखकर केंद्र भी चौकन्ना है. यूपी में तो योगी सरकार ने पहले ही किसानों से बात करने की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी जानती है आंदोलन आगे बढ़ा तो उसे इसका सीधा नुकसान होगा.