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ठंड और बारिश के बीच टिकरी बॉर्डर पर आज 39वें दिन भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "ठंड से बचने के लिए आग का सहारा ले रहे हैं. जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे हम वापस नहीं जाएंगे."
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आज सुबह बारिश की वजह से प्रदर्शनकारी किसानों के टेंट में पानी भर गया. फिलहाल अब किसानों ने अपने टेंट से पानी निकाल दिया है. एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, 'बारिश हमारी फसलों के लिए अच्छी है. जब हम अपने खेतों में काम करते हैं तो हम भीग जाते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम यहां बारिश का सामना कर रहे हैं.'
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बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में जलभराव
आज सुबह हुई बारिश से बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में जलभराव हो गया. यहां कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "बारिश से लंगर, टेंट में पानी चला गया और कपड़े भीग गए. लेकिन फिर भी किसानों के हौसले बुलंद हैं."
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गाजीपुर बॉर्डर पर हुआ जलभराव, प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारी किसानों ने खुद हटाया पानी = liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
गाजीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर ठंड और बारिश के बीच भी कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को यहां प्रदर्शन करते हुए आज 37 दिन हो गए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "तिरपाल और जो कुछ भी हम लेकर आए हैं उसी से ठंड और बारिश से अपना बचाव कर रहे हैं."
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किसानों के 2 परिवारों को AAP ने दी आर्थिक मदद
आम आदमी पार्टी (आप) के नवनियुक्त पंजाब सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने पंजाब के मोगा में किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले माखन खान और गुरबचन सिंह के घर जाकर इन परिवारों को आर्थिक सहायता दी. गुरबचन सिंह 3 दशकों से किसान यूनियन के सदस्य थे. पिछले दो महीने से वह एक कंपनी के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. 30 नवंबर, 2020 को उनकी दुखद मृत्यु हो गई थी. माखन खान की मृत्यु 14 दिसंबर 2020 को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान हुई जहां वो 26 नवंबर से लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
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गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने की खुदकुशी
गाजीपुर में उत्तरप्रदेश-दिल्ली सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 75 साल के एक किसान ने शनिवार सुबह को कथित रूप से फांसी लगा ली. पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बिलासपुर निवासी किसान सरदार कश्मीर सिंह ने सचल शौचालय में रस्सी से फांसी लगा ली. पुलिस ने बताया कि उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला है जो गुरमुखी में लिखा गया है.
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अब टिकरी बॉर्डर पर भी आईटी सेल शुरू
दिल्ली में सिंघु बॉर्डर के बाद अब टिकरी बॉर्डर पर भी आईटी सेल शुरू हो गया है. जमींदारा छात्र सभा नाम के संगठन ने इसका जिम्मा संभाला है. किसानों की आवाज और आंदोलन के रंग को दुनिया के सामने रखने की कोशिश है.
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26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसान
कल किसान की बैठक हुई और फैसला लिया गया कि बात नहीं बनेगी तो आंदोलन तेज करेंगे. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा है कि 4 जनवरी को सरकार से बातचीत है. 5 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. अगर हमारे पक्ष में बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को कुंडली, मानेसर और पलवल हाईव पर ट्रैक्टर मार्च होगा. इसके 2-3 दिन के भीतर शाहजहांपुर मोर्चे को आगे लाएंगे. इसके बाद एक पखवाड़े तक देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन करेंगे. 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे. 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के मौके पर सभी राज्यों में राजभवनों पर मार्च करेंगे, 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च करेंगे.
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आंदोलन का 39वां दिन, कड़ाके की ठंड में कानून रद्द करने की मांग पर किसान
किसानों के आंदोलन का आज 39वां दिन है. कड़ाके की ठंड में कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं किसान. किसान किसान संगठनों ने रुख में सख्ती के संकेत दिए हैं कि 4 जनवरी की बैठक में हल नहीं निकला तो आंदोलन तेज करेंगे, हरियाणा के मॉल, पेट्रोल पंप बंद कराएंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च करेंगे. 4 जनवरी को सरकार और किसान के बीच प्रस्तावित बैठक है.
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स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा, अगर 26 जनवरी तक किसानों की बातें नहीं सुलझती हैं, तो दिल्ली के तमाम मोर्चों से किसान दिल्ली के अंदर घुसकर अपनी किसान गणतंत्र परेड करने के लिए मजबूर होंगे.
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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, जिस सकारात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई है तो मुझे आशा है कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में हल निकलेगा और ये आंदोलन भी खत्म हो जाएगा.
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पी चिदंबरम ने कहा- किसानों की इच्छा का ध्यान रखे सरकार
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, "जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन ने 38वें दिन में प्रवेश किया, एक और किसान ने अपनी जान गंवा दी. मैं किसानों के संकल्प को सलाम करता हूं. सरकार को कृषि कानूनों को लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत होना चाहिए. किसी भी नए कानून में किसान समुदाय की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए."
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बारिश ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की बढ़ाई मुश्किलें, बारिश और ठंड दोहरी मार = liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान की मौत
नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित भागवनपुर नांगल गांव के एक किसान की मौत हो गई. किसान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है. दिवंगत गलतान सिंह करीब 57 साल के थे.
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आज 12.30 बजे किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
किसानों की सात सदस्यीय कमेटी आज दिल्ली प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करेगी. किसानों ने कहा, अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा. पिछली बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के साथ सेल्फी लेने वाले सिख नौजवान का विरोध हुआ. नेताओं ने कहा ऐसे लोग संघर्ष का हिस्सा नहीं. सरकार को एक किसान सेल्फी वाला नहीं मिलता. पिछली मीटिंग के दौरान एक ट्रांसपोर्ट भाई ने सेल्फी उतारी तो सरकार ने उसे ही वायरल कर दिया. यह हालत है सरकार की.
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जब तक हरियाणा की सरकार गिर नहीं जाती, तब तक होगा विरोध: किसान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने कहा है कि बीजेपी और जेजेपी के विधायकों, सांसदों का गांव-गांव विरोध होगा और तक तक होगा जब तक हरियाणा में इन दोनों की सरकार गिर नहीं जाती.
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"सरकार गुमराह कर रही है"
किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है. युवा किसान संयम खो रहा है. सरकार इस धरने को शाहीन बाग बनाने की कोशिश कर रही है. पहली और दूसरी मांग हमारी कृषि कानून और MSP गारंटी कानूनन बनाना है. तीसरी और चौथी मांग मानकर सरकार गुमराह कर रही है. सरकार बड़ी कामयाबी का दावा कर रही है लेकिन अभी पूछ निकली है हाथी बाकी है.
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4 जनवरी को शर्तें नहीं मानी, तो 6 जनवरी को मार्च होगा
किसानों ने कहा कि अगर 4 जनवरी की बातचीत में परिणाम संतोषजनक ना निकला तो 6 जनवरी को मार्च होगा. वही मार्च जो 30 दिसंबर को रद्द हुआ था. राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर से किसान अगले हफ़्ते आगे बढ़ेंगे. 6 जनवरी से 20 जनवरी के बीच पूरे देश में किसान जन जागृति अभियान चलाएंगे. 23 जनवरी को नेता सुभाषचंद्र बोस की जयंती को किसान विशेष चेतना दिवस का आयोजन होगा. BJP नेताओं के खिलाफ देशभर में पार्टी छोड़ो अभियान चलाएंगे. पंजाब और हरियाणा के टोल आगे भी फ्री रहेंगे.
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किसानों ने अपनाया कड़ा रुख
किसानों ने शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका सबसे बड़ा मुद्दा कृषि कानून और MSP की कानूनन गारंटी है. उन्होंने कहा, सरकार तीसरी और चौथी मांग मानकर बर्फ पिघलने का बड़ा दावा कर रही है लेकिन सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने MSP पर सैद्धांतिक कमिटमेंट देने से भी इनकार किया.
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सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, '4 जनवरी को होने वाली बैठक में कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने पर चर्चा होगी. आज सभी लोग विधिवत रूप से इस पर चर्चा करेंगे कि पहले हुई बैठक में क्या हुआ और अगली बैठक में क्या होगा.'
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भीषण शीत लहर के प्रकोप के बीच किसानों का प्रदर्शन जारी
दिल्ली में नए साल के मौके पर भीषण शीत लहर के कहर और तापमान के 1.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने के बाद भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं.
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सिंघु बॉर्डर पर आज दोपहर 2 बजे किसानों की बैठक
सिंघु बॉर्डर पर आज दोपहर 2 बजे किसानों की बैठक होगी. इस बैठक में सरकार से अगले दौर की बातचीत और आंदोलन को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी. इसके बाद शाम पांच बजे किसान संगठनों के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
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किसान संगठन अभी भी अपनी मांग पर अड़े
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा, "तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा."
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किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 70, 000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने से दिसंबर तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स ने ये जानकारी दी.
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"कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों का कोई विकल्प नहीं"
किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और नए कृषि कानूनों को रद्द करने का कोई विकल्प नहीं है. मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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सयुंक्त किसान मोर्चा ने की बिहार में किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा
संयुक्त किसान मोर्चा ने बिहार की राजधानी पटना में किसानों पर लाठीचार्ज को प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता बताई है. मोर्चा ने एक बयान में कहा कि पटना में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हए लाठीचार्ज की वह कड़े शब्दों में निंदा करता है. केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोकने के दौरान हुई झड़प में पुलिस ने लाठियां भांजी थी.
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सिंघू बॉडर पहुंचे कांग्रेस नेता सुरजेवाला, लंगर सेवा में हिस्सा लियाकांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवारस शाम को सिंघु बॉर्डर पहुंचकर प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की और लंगर सेवा में हिस्सा लिया. सुरजेवाला के मुताबिक, उन्होंने किसान नेताओं से मिलकर कांग्रेस की तरफ से उनके प्रति समर्थन भी जताया.