नई दिल्ली: देश में अब 18 से 45 उम्र तक के लोगों के लिए भी कोरोना वैक्सीन लगना शुरू हो गया है. लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते इसे लगवाने के लिए लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लोगों को वैक्सीनेशन स्लॉट बुक करने में परेशानी भी हो रही है. इसी का फायदा साइबर ठग उठाने में लगे हैं. लोगों को फर्जी मैसेज से साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. इन फर्जी मैसेज में ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करने का दावा किया जा रहा है.


कोविड वैक्सीन के लिए अपना नाम दर्ज कराने की पेशकश करने वाले मैसेज से सावधान रहने की जरूरत है. साइबर ठग आधार जैसी संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर सकते हैं और आपके आधार से जुड़े बैंक खाते से अनधिकृत लेनदेन करने के लिए ओटीपी मांग सकते हैं. अपने गोपनीय विवरण साझा न करके अपने बैंक खाते को सुरक्षित रखें. वैक्सीन के बारे में किसी भी जानकारी के लिए कृपया सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और वेबसाइटों का पालन करें.


संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी भी कर चुकी है अलर्ट
इससे कुछ दिनों पहले संघीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने भी आगाह किया था कि फर्जी कोविड-19 टीका पंजीकरण एसएमएस भेज उपयोगकर्ता के एंड्रॉयड फोन में सेंध लगाकर उनके डाटा तक पहुंच बनाई जा रही है. एजेंसी के मुताबिक नुकसानदेह एसएमएस के पांच प्रकारों का पता चला है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) ने पिछले दिनों जारी अपने सार्वजनिक परामर्श में कहा, 'खबर मिली है कि फर्जी एसएमएस संदेश भेजकर गलत तरीके से दावा किया जा रहा है कि उनके द्वारा प्रस्तुत ऐप से भारत में कोविड-19 टीके के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है.'


सीईआरटी ने कहा कि यह ऐप अनावश्यक अनुमति प्राप्त करती है, जिससे साइबर हमलावर उपयोगकर्ता के डाटा जैसे फोन कॉल पर कब्जा कर सकते हैं. परामर्श में कहा गया कि केवल आधिकारिक लिंक के माध्यम से कोरोना वायरस टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराएं.


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