नई दिल्ली: ‘बंबई में का बा’ ये गाना इन दिनों चर्चा में है. इस भोजपुरी रैप सॉन्ग के तौर पर देखा जा रहा है. इस गाने को अनुभव सिन्हा ने फिल्माया है और आवाज मनोज वाजपेयी ने दी है. एबीपी न्यूज़ से दोनों कलाकारों ने खास बातचीत की. इस गाने के साथ-साथ अनुभव सिन्हा ने रवि किशन, जया बच्चन और कंगना रनौत के हालिया बयानों पर भी अपनी राय रखी.


इस गाने को लेकर मनोज वाजपेयी ने कहा, “मैं कोई सिंगर नहीं हूं. मुझे गाना गाना नहीं आता. गायिकी की कला को मैं बहुत इज्जत से देखता हूं. ये बहुत ही कठिन काम है.मैंने बस इसे rhym किया है.”


इस गाने का विचार कहां से और कैसे आया?


इस पर अनुभव सिन्हा ने कहा कि प्रवासी मजदूर और भोजपुरी में काम करने को लेकर उनका बहुत पहले से मन था. उन्होंने कहा, “अच्छा लिखना उसके लिए बहुत जरूरी था. किसी ऐसे शख्स से मुलाकात नहीं थी कि जो भोजपुरी में लिखा रहा हो और अच्छा लिख रहा हो. खुशकिस्मती से डॉक्टर सागर से मुलाकात हुई. इसके बाद मैंने उन्हें ब्रीफ किया. थोड़ी देर बाद उनका कॉल आया और उन्होंने कहा कि सर, बंबई में का बा कैसा है. मैंने कहा कि ये अद्भुत है इसको लिख डालिए.”


वहीं मनोज वाजपेयी ने कहा कि हाल के दिनों में जो पलायन हुआ है वो एक बहुत बड़ी समस्या है. इसे लोगों ने बहुत करीब से देखा. ऐसे समय में देखा जो समय लगातार चलता जा रहा है. इस पलायन को देख बहुत सारे लोग हिल गए. इसने झकझोर कर रख दिया.


अपने अब तक के सफर पर मनोज वाजपेयी ने कहा कि कोई भी आदमी अपने गांव को छोड़कर बड़े शहर में रहता है तो उसे ये नहीं लगता कि वो अपने घर में है. चाहे वो मनोज वाजपेयी हों या अनुभव सिन्हा हों. जो जहां पला बढ़ा है वहीं उसे अपना घर लगता है. मैं बहुत दुनिया की बहुत सारी जगहों पर घूमा हूं लेकिन कोई भी मुझे अपने गांव से ज्यादा खूबसूरत नहीं लगा.


क्या इस गाने को बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है?


इस सवाल के जवाब में अनुभव सिन्हा ने कहा,  "आजकल तो ये होता है कि जो आदमी बोलता है उसके हाथ में नहीं होता कि उसे किस चीज से जोड़ दिया जाएगा. कई सालों से मेरा मन था प्रवासियों पर गाना बनाने का जो अब जाकर बना है. गाने में तो मुझे चुनाव के आस पास का भी कोई शब्द नजर नहीं आता है."


क्या राजनीति में आएंगे मनोज वाजपेयी और अनुभव सिन्हा?


इस पर अभिनेता ने कहा, “राजनीति में आने का निमंत्रण मुझे 21 सालों से आ रहा है. बड़े बड़े दलों से आता रहा है. बड़े सम्मान का साथ उनको मैंने मना किया है. मैंने अपने गांव को इस सपने (सिनेमा) के लिए छोड़ा था. इसको अधूरा छोड़कर मैं कोई और काम नहीं करने लगूंगा जिसका मुझे अता पता नहीं है.” वहीं अनुभव सिन्हा ने भी राजनीति में आने की संभावना से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जो हम करते हैं वो आसान है. राजनीति बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड है.


रवि किशन, जया बच्चन और कंगना रनौत के बयान पर?


रवि किशन के बयान पर अनुभव सिन्हा ने कहा, "मैंने तो उनका आभार व्यक्त किया. वे हमारे प्रतिनिधि हैं. मैंने तो उनसे कहा कि वे भोजपुरी इंडस्ट्री के बारे में भी कुछ बोलें." वहीं जया बच्चन के बयान पर उन्होंने कहा कि वे उनके पीछे खड़े हैं. हर समाज और इंडस्ट्री में सफाई की जरूरत है.


वहीं जया बच्चन पर कंगना के पलटवार से जुड़े सवाल पर मनोज वाजपेयी ने कहा, “इंटरव्यू के पहले मुझे हनुमान चालीसा पढ़कर बैठना पड़ता है कि कहीं मेरी किसी बात बतंगड़ न बन जाए. मैं बाकायदा हनुमान चालीसा और गायंत्री मंत्र पढ़कर बैठता हूं.”


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