Col Waibhav Anil Kale: भारतीय सेना के पूर्व कर्नल वैभव अनिल काले गाजा के रफाह शहर पर हुए इजरायल के हमले की चपेट में आने से शहीद हो गए. उनके निधन की खबर सुन वैभव अनिल काले के ठाणे स्थित आवास पर भी शोक का माहौल है. वैभव अनिल काले के परिवार को उनकी मौत का इतना गहरा सदमा लगा है कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं. परिवार के एक सदस्य का कहना है कि वैभव अभी भी हमारे लिए जीवित है.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में वैभव अनिल काले की चाची मुग्धा अशोक काले ने कहा, ''वह अभी भी इस बात पर यकीन नहीं कर पा रही हैं कि वह अब हमारे बीच नहीं रहे. जब हमें वैभव की मौत की खबर के बारे में पता लगा तो ये सुन हम बड़ा झटका लगा. हमें अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि वैभव अब हमारे बीच नहीं है.''


वैभव अनिल काले के परिवार में पसरा मातम


मुग्धा अशोक काले ने कहा, ''हमने हाल के दिनों में वैभव को ज्यादा देखा भी नहीं था. ऐसा लगता है कि वह अभी भी उसकी आत्मा हमारे साथ है. सच भले ही कड़वा हो, लेकिन आखिरकार सामने आ जाता है. हमारा दिमाग इसे स्वीकार करने और उसके साथ सामंजस्य बिठाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए, हमारे लिए वैभव अभी भी जीवित है.''






विदेश मंत्रालय ने जताया दुख


वहीं, वैभव काले के निधन पर विदेश मंत्रालय ने बुधवार (15, मई) को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने उनके निधन पर दुख जताया और कहा कि 13 मई 2024 को गाजा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा विभाग में सुरक्षा समन्वय अधिकारी रिटायर्ड कर्नल वैभव अनिल काले की मौत से हमें गहरा दुख हुआ है. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं. रामल्ला में हमारे मिशन भारत में शवों के प्रत्यावर्तन में सभी सहायता प्रदान कर रहा है और घटना की जांच के संबंध में संबंधित अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं.


कौन हैं वैभव अनिल काले?


वैभव काले जून 2022 में भारतीय सेना से वह सेवानिवृत्त हो गए थे. वह एक आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ थे, जिन्होंने रिटायर्ड होने से पहले संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक के रूप में भी काम किया था. अनिल काले भारतीय सेना में 2000 में शामिल हुए थे. वैभव काले ने पठानकोट एयरबेस पर साल 2016 के हुए आतंकवादी हमले को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी.


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