आमरण अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की कर रहे मांगलद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने आमरण अनशन शुरू कर दिया. केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक विफल होने के बाद सोनम वांगचुक ने ये कदम उठाया. 


दरअसल, सोमवार को केंद्र के साथ कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और लेह एपेक्स बॉडी की बैठक बेनतीजा रही थी. इसके बाद बुधवार को लेह धार्मिक संगठन ने लेह बंद बुलाया. इसके साथ ही एनडीएस स्टेडियम में सार्वजनिक रैली की. इसमें कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया. इसमें बड़ी संख्या में आम लोग भी पहुंचे.


रैली को संबोधित करते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने आमरण अनशन का ऐलान किया. इस रैली में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं. दरअसल, लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) की ओर से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और काफी ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र के लिए एक विशेष लोक सेवा आयोग के गठन की मांग की जा रही है. 


केंद्र के साथ बैठक के बाद दोनों संगठनों की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के ही समाप्त हो गई. इसके बाद उपसमिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनके आवास पर बैठक की. दोनों संगठनों ने कहा कि इस बैठक का भी कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. 


2019 में अलग राज्य बना था लद्दाख

लद्दाख 5 अगस्त 2019 को अलग केंद्र शासित राज्य बना था. मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 रद्द कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनाया गया.