Kapil Sibal On Electoral Bond Scheme Ban: चुनावी बॉन्ड स्कीम सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंधन वाले फैसले पर तमाम राजनीतिक दलों और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रहीं हैं. मामले पर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि यह सरकार का एक प्रकार का स्कैम था. इलेक्टोरल बॉन्ड व्यवस्था से बीजेपी को बडे़ स्तर पर डोनेशन मिल रहा था. बीजेपी इससे एक्पोज हो गई है. 15 फरवरी, 2024 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय है. चुनाव आयोग को तीन सप्ताह के अंदर जानकारी देनी है. 


न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह न केवल किसी, किसी राजनीतिक दल के लिए बल्कि लोकतंत्र के लिए भी आशा की एक बड़ी किरण है. यह इस देश के नागरिकों के लिए आशा की एक बड़ी किरण है. यह पूरी योजना जो मेरे दिवंगत मित्र अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, वास्तव में बीजेपी को समृद्ध करने के लिए रची गई थी. क्योंकि हर कोई जानता था कि बीजेपी सत्ता में थी और चुनावी बॉन्ड योजना के माध्यम से कोई भी दान बीजेपी के पास आएगा. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस चुनावी बांड योजना का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था."


उन्होंने आगे कहा "यह वास्तव में कॉरपोरेट सेक्टर और बीजेपी के बीच का जुड़ाव था, जिसे सबसे ज्यादा चंदा मिला. और इन वर्षों में उन्हें जो दान प्राप्त हुआ वह लगभग पांच से 6000 करोड़ तक था. अब आपकी झोली में 5000 से 6000 करोड़ हैं जिनका उपयोग चुनावों में बिल्कुल नहीं किया जाना है. आप एक राजनीतिक दल के रूप में अपना बुनियादी ढांचा तैयार कर सकते हैं. आप आरएसएस के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकते हैं. आप पूरे देश में अपना संचार नेटवर्क स्थापित कर सकते हैं."






कपिल सिब्बल ने बताया सरकारी घोटाला


इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा,  "ये बीजेपी को बेनकाब भी करता है. प्रधानमंत्री कहते रहते हैं कि घोटाला कहां है? घोटाला कहां है? अब कहां है मोदी जी आपकी आंखों के सामने आपका घोटाला, ये सरकारी घोटाला."


राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, "इससे हमें फंडिंग करने वालों और देश की राजनीति के बीच संबंध का पता चलेगा और आपको क्विड प्रो क्वो के बारे में भी पता चलेगा क्योंकि कोई भी बिना बदले के इतनी बड़ी रकम नहीं देता. कोई दस लाख या 15 लाख का चुनावी बांड नहीं देगा. यह करोड़ों में होगा. इसलिए, अगर आपने अपनी राजनीतिक पार्टी को 5000 करोड़ रुपये से वित्त पोषित किया है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि केवल अमीर ही ऐसा कर सकते थे और इस प्रक्रिया में उन्हें कुछ लाभ भी मिले होंगे."


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