Assembly Election Results 2023: 5 राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बंपर जीत के साथ ही विपक्षी दलों के नेता ईवीएम पर सवाल उठाने लगे. चाहे वो कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो या फिर शिवसेना (यूबीटी) इन सभी दलों के नेताओं ने बीजेपी की जीत को लेकर ईवीएम पर सवाल उठाए तो वहीं बीजेपी के नेताओं ने इसका जवाब भी दिया.


सबसे पहले बात करते हैं उन नेताओं की जिन्होंने सवाल किए. इसमें पहले नंबर पर आते हैं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. उन्होंने कहा, “ऐसी कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो वो हैक की जा सकती है. मैं साल 2003 से ही EVM से मतदान कराए जाने के खिलाफ रहा हूं." कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आगे सवालिया लहजे में कहा, "क्या हम भारतीय लोकतंत्र को प्रोफेशनल हैकर्स द्वारा कंट्रोल किया जाने दे सकते हैं?”


‘यहीं लोकतंत्र हार जाता है’


इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सोमवार को ट्वीट्स की एक सीरीज में पोस्टल बैलेट के जरिए मिले मतदानों की जानकारी शेयर की थी. पोस्टल बैलेट के जरिए पड़ने वाले वोटों में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस पार्टी को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले हैं. इसपर दिग्विजय सिंह सवाल करते हुए कहा कि अगर जनता वही है तो EVM और पोस्टल बैलेट के वोटिंग पैटर्न में इतना अंतर कैसे आ गया.


दिग्विजय सिंह ने पोस्टल बैलेट के नतीजों की जानकारी देते हुए लिखा, पोस्टल बैलेट के जरिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है, जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर EVM काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी के साथ लिखा, "यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है."


इसके अलावा कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि ज़रूर ईवीएम में कुछ हुआ है वर्ना ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी. फिर इसी तरह समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव का बयान आया. अखिलेश ने कहा कि अगर अमेरिका और जापान में बैलट पेपर की व्यवस्था है, तो हमें भी वही अपनाना चाहिए.


इसी तरह शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत भी सुर में सुर मिलाते नजर आए और कहा कि हम हमेशा कहते हैं - लोगों के मन में संदेह है कि यह कैसे संभव है, खासकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में. इसलिए, हम कहते हैं कि अगर संदेह है, तो इसे दूर कर लें. एक चुनाव बैलेट पेपर पर हो. बस एक चुनाव और संदेह को दूर कर दें.


बीजेपी नेताओं ने दिया जवाब


विपक्षी पार्टियों की ओर से ईवीएम को लेकर उठाए सवाल पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक चुनाव में कैसे जीत हुई? अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए वो इस प्रकार की बाते बोलते हैं. कांग्रेस ईवीएम पर पहले तो सवाल नहीं उठाया. काउंटिंग के तीन दिन बाद सवाल उठा रहे हैं. अब चुनाव आयोग और सरकारी मशीनरी पर आरोप लगाएंगे. कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जब-जब चुनाव हारते हैं तो हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ देते हैं. समीक्षा करने के बजाए इस तरह की बाते करते हैं.


कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ईवीएम पर सवाल उठाने पर बीजेपी सांसद साध्‍वी निरंजन ज्‍योति ने कहा, "2004-2014 तक ये सरकार में रहे तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठा. हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में जीते तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठा. विपक्ष का न तो ईवीएम पर विश्वास है न जनता पर, न निर्वाचन पर विश्वास है और न ही कोर्ट पर विश्वास है, अब जनता के जनादेश को इस तरह से अस्वीकार करना ये बहुत छोटी सोच है। विपक्ष को इसे स्वीकार करना चाहिए."


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