PM Narendra Modi Viral Post Fact Check: लोकसभा चुनाव 2024 के माहौल में सोशल मीडिया पर एक तरफ जहां चुनाव प्रचार से जुड़े वीडियो खूब शेयर किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रचार से अलग हटके भी कई तस्वीर, वीडियो, पोस्ट वायरल हो रहे हैं. इन्हें लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक पोस्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.


हाल ही में सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हुई थी. अखबार की कटिंग में अमर उजाला का पेज है और उसमें पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी के हवाले से लिखा है, ''उन्होंने संन्यासी बनने के लिए नहीं छोड़ा था, आभूषण चुराने के लिए नरेंद्र मोदी को घर से निकाल दिया गया था''


एक रीडर ने इस कटिंग का फैक्ट चेक करने के लिए Factcrescendo से फैक्ट लाइन नंबर 9049053770 पर संपर्क किया.




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हालांकि, जब हमने Factcrescendo ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो पता चला कि यह कटिंग फर्जी है और इसे गलत तरह से वायरल किया जा रहा है.


ऐसे हुई पोस्ट की पड़ताल


वायरल अखबार की कटिंग में प्रकाशन की तारीख 2 जून 2016 थी. टीम ने अमर उजाला का 2 जून 2016 एडिशन खोजा. हमारे सामने उस तारीख का अमर उजाला खुल गया. पूरे अखबार में हमें वायरल कटिंग जैसी कोई खबर नहीं मिली.


आगे बढ़ते हुए, प्रासंगिक कीवर्ड खोज करने पर हमें 2 जून 2016 को प्रकाशित अमर उजाला का एक स्पष्टीकरण मिला. इसमें लिखा था, “अमर उजाला के नाम पर सोशल मीडिया पर प्रह्लाद मोदी का उल्लेख करते हुए एक फर्जी खबर फैलाई जा रही है. अमर उजाला का इस खबर से कोई लेना-देना नहीं है. अमर उजाला ऐसी फर्जी खबरों के प्रसार की कड़ी निंदा करता है. यह फर्जी खबर सोशल मीडिया पर अमर उजाला के नाम से वायरल की गई है. अमर उजाला की ओर से दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”




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इस संबंध में अधिक जानकारी पाने के लिए फैक्ट क्रेस्केंडो ने प्रह्लाद मोदी से भी संपर्क किया. प्रह्लाद मोदी ने कहा, ''जब अमर उजाला की खबर मेरे संज्ञान में आई तो मैंने उनके संपादक से संपर्क किया और उनसे पूछा कि क्या चल रहा है. क्योंकि मैं कभी किसी से नहीं मिला और न ही मैंने ऐसा कोई बयान दिया है.' मैंने कहा कि मैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करूंगा. तब संपादक ने मुझे आश्वासन दिया कि वह शिकायत दर्ज करेगा क्योंकि यह फर्जी खबर है और अखबार ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है. उन्होंने मुझे एफआईआर की कॉपी भी भेजी, लेकिन अभी मेरे पास वह नहीं है.' ये खबर पूरी तरह से निराधार है. मैंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया.''


क्या निकला निष्कर्ष?


सभी तथ्यों की जांच के बाद हम कह सकते हैं कि वायरल अखबार की क्लिपिंग फर्जी है. अमर उजाला ने कभी भी इस तरह के शीर्षक के साथ कोई खबर प्रकाशित नहीं की और प्रह्लाद मोदी ने भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.


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Disclaimer: This story was originally published by Fact Crescendo and republished by ABP Live Hindi as part of the Shakti Collective.