Arun Goyal Resignation: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे ने सभी को हैरान कर दिया है. कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भी गोयल के इस्तीफे से हैरान हैं. सिब्बल का कहना है कि उन्हें ये तो नहीं मालूम है कि अरुण गोयल ने आखिर किस वजह से इस्तीफा दिया है, लेकिन कोई बड़ी वजह जरूर होगी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का ढांचा इस तरह से गिर जाए तो रहेगा क्या?


कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरुण गोयल का इस्तीफा देना मायने रखता है. लोकतंत्र का ढांचा इस तरह से गिर जाए तो रहेगा क्या? मुझे कारण नहीं पता कि क्यों उन्होंने रिजाइन किया, लेकिन कोई बड़ा कारण जरूर होगा. मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल को लेकर ये इस्तीफा दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह मकान की नींव होती है, वैसे ही संविधान लोकतंत्र की नींव है. इनका (सरकार) का प्रयास है कि ये लोग न्यायपालिका में आ जाएं. 


लोकतंत्र के तीन स्तंभों को कमजोर करने की कोशिश: कपिल सिब्बल


राज्यसभा सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग बीते 10 सालों का रिकॉर्ड देखें तो लगता है जो सरकार कहती हैं, वो वही करते आया है. कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं, लेकिन इन सभी को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले के चुनाव आयुक्त को आजादी दी जाती थी. आज चुनाव की तारीख, कितने चरणों में वोटिंग होगी जैसे फैसले सरकार तय कर रही है. 


'अपनी पंसद का चुनाव आयुक्त रखना चाहती है सरकार'


सिब्बल ने चुनाव आयुक्त की नियुक्त को लेकर बनाए गए नए कानून पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि 5 जजों का फैसला था कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति होनी चाहिए और इसे तय करने में चीफ जस्टिस की भी भूमिका हो. लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं होने दिया. सिब्बल ने कहा कि सरकार चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर नया कानून ही लेकर आ गई. सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त अपनी पसंद का रखना चाहती है, आगे क्या करेंगे, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. 


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