बिहार के हाजीपुर में हुए वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक (VSV) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी के पटना जोनल ऑफिस ने 7 मार्च, 2025 को पटना की विशेष पीएमएलए (PMLA) अदालत में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दर्ज कराई थी, जिस पर कोर्ट ने 11 मार्च 2025 को संज्ञान लिया.

क्या है मामला?वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला बिहार के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक माना जा रहा है. इस मामले में बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी खातों और कागजात के जरिए करोड़ों रुपये का गबन किया. बैंक में ग्राहकों के जमा किए गए पैसे का गलत इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गईं.

ईडी की जांच और कोर्ट में पेश शिकायतईडी ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच शुरू की थी और कई सबूत जुटाए. जांच के दौरान ईडी ने पाया कि घोटाले से जुड़े लोगों ने काले धन को सफेद करने के लिए कई फर्जी कंपनियों और खातों का इस्तेमाल किया. इसके बाद ईडी ने विशेष अदालत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की.

कोर्ट ने लिया संज्ञान, बढ़ेंगी मुश्किलेंअब जब पटना की विशेष पीएमएलए अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान ले लिया है, तो घोटाले में शामिल आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस केस में जल्द ही कोर्ट में सुनवाई शुरू हो सकती है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

बिहार में पहले भी हो चुके हैं बड़े घोटालेबिहार में सहकारी बैंकों में गड़बड़ियों का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले सृजन घोटाले और अन्य वित्तीय घोटालों में भी सरकारी धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के मामले सामने आ चुके हैं.

अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है.

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