नई दिल्ली: कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन जिसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही इसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा. शुरुआत में इसे रूस से आयात किया जाएगा लेकिन आने वाले समय में देश में ही इसका उत्पादन किया जाएगा.


कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सोमवार को ‘स्पूतनिक वी’ के सीमित आपात इस्तेमाल की सिफारिश की थी. डीसीजीआई ने भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका के ‘कोविशील्ड’ टीके को पहले ही आपात इस्तेमाल की मंजूरी जनवरी में दे दी थी.


सूत्रों ने बताया कि स्पूतनिक वी टीके की करीब 10 करोड़ खुराक अगले छह-सात महीने में आयात किये जाने की संभावना है. इससे पहले रूस ने सोमवार को उम्मीद जताई थी कि उसके कोविड रोधी टीके ‘स्पूतनिक वी’ को भारत में मंजूरी मिलने की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी.


स्पुतनिक-V की पांच खास बातें-



  • भारत में स्पुतनिक-V की डोज तैयार करने के लिए रशियन डायरेक्ट इनवेस्ट फेंड (RDIF) हैदराबाद की दवा कंपनी डॉक्टर रेड्डी लेबोरेट्रीज समेत कई भारतीय दवा निर्माता कंपनियों के साथ साझेदारी की है. रेड्डी लेबोरेट्रीज के अलावा इस साझेदारी में Hetero Biopharma, Gland Pharma, Stelis Biopharma और  Vichrow Biotech शामिल है. 

  • रूस ने पिछले साल अगस्त में ही इस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी. रूस द्वारा वैक्सीन के बड़े पैमाने पर क्लिनिकल ट्रायल करने से पहले ही इसके इस्तेमाल को मंजूरी देने के फैसले की कई विशेषज्ञों ने आलोचना की थी. हालांकि बाद में इस वैक्सीन पर की गयी स्टडी के अनुसार इसे कोविड-19 से लड़ने के लिए पूरी तरह सुरक्षित और असरदार बताया गया है

  • रिपोर्ट्स के अनुसार ये वैक्सीन साधारण सर्दी और जुखाम देने वाले human adenoviral vectors को केंद्र में रखकर तैयार की गयी है. दो डोज में लगने वाली ये वैक्सीन दो अलग अलग vectors का इस्तेमाल करती है, जिसके चलते ये हमारी इम्यूनिटी लम्बे समय तक मजबूत बनाए रखती है.

  • रूस स्थित Gamaleya Institute द्वारा तैयार स्पुतनिक-V, कोरोना वायरस के खिलाफ 91.6 प्रतिशत तक असरकारक है. इसका परीक्षण रूस में 19,866 लोगों पर किया गया था. स्पुतनिक वेबसाइट के मुताबिक, अंतिम चरण का परीक्षण यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में किया गया था.

  • वैश्विक मार्केट में इस वैक्सीन के प्रत्येक डोज की कीमत लगभग 10 डॉलर है. इसके ड्राई फॉर्म को से2 से 8 डिग्री के तापमान के बीच रखा जाता है. देश में इसकी उत्पादन श्रमता लगभग 850 मिलियन डोज की है. जिसके चलते ये कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में और तेजी देने का काम करेगी.


यह भी पढ़ें 


ममता बनर्जी के प्रचार करने पर EC ने लगाई 24 घंटे की रोक, धरने पर बैठेंगी सीएम


कोरोना के खतरे के बीच नवरात्रि पर्व की शुरुआत, श्रद्धालुओं को सख्ती से पालन करनी होगी कोविड गाइडलाइन