नई दिल्लीः मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन ने ड्रोन नियमों का एक संशोधित ड्राफ़्ट 2021 जारी किया है. 12 मार्च 2021 को पेश किए गए ड्राफ़्ट की अपेक्षा इस नए ड्राफ़्ट में ड्रोन को उड़ाने के नियमों को आसान किया गया है और क़रीब 12 तरह के एप्रूवल को रद्द कर दिया गया है यानी अब इन एप्रूवल की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा अब पहले की तरह 25 फ़ार्म नहीं भरने होंगे बल्कि उनकी जगह सिर्फ़ 6 फ़ॉर्म ही भरने होंगे. नए ड्राफ्ट पर 5 अगस्त तक आम लोग अपनी राय दे सकते हैं. 


ड्रोन की फ़ीस घटी, जुर्माना भी कम हुआ


नए ड्राफ़्ट में ड्रोन उड़ाने की फ़ीस भी काफ़ी घटा दी गई है और अब ड्रोन के आकार के आधार पर फ़ीस कम या ज़्यादा भी नहीं की जाएगी. ड्रोन रूल्स 2021 का उल्लंघन होने पर 1 लाख रूपए तक का जुर्माना होगा. ये जुर्माना पहले कई गुना ज़्यादा रखा गया था. अन्य नियमों का उल्लंघन होने पर जुर्माना इसके अलावा होगा.  


ऑनलाईन अनुमतियों के लिए बनेगा डिजिटल स्काई प्लेटफ़ार्म  


ड्रोन के प्रोफेशनल इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एक सिंगल विंडो ऑनलाईन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा और एक डिजिटल स्काई प्लेटफ़ार्म को स्थापित किया जाएगा. इस डिजिटल स्काई प्लेटफ़ार्म के ज़रिए ड्रोन उड़ाने की अधिकतर अनुमतियाँ मानव रहित सिस्टम से दी जाएँगी जो कि सेल्फ़ जनेरेटेड होंगी. डिजिटल स्काई लाईन को ग्रीन, यलो और रेड ज़ोन के मैप में दिखाया जाएगा ताकि ड्रोन उड़ाने के अलग अलग इलाक़ों के नियमों को समझा जा सके.   


कहां किस ऊंचाई तक उड़ा सकेंगे ड्रोन


यलो ज़ोन के अंतर्गत एयरपोर्ट के इर्द गिर्द के 12 किलोमीटर का दायरा आएगा. पहले ये दायरा 25 किलोमीटर का था. ग्रीन ज़ोन में 400 फ़िट की ऊँचाई तक ड्रोन उड़ाने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इसी तरह एयरपोर्ट के 8 किलोमीटर से 12 किलोमीटर के बीच की दूरी में 200 फ़िट तक ड्रोन उड़ाने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.   


छोटे ड्रोन के लिए अनुमति की ज़रूरत नहीं होगी


ग़ैर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल होने वाले माइक्रो ड्रोन, नैनो ड्रोन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थाओं के ड्रोन को अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. भारत में रजिस्टर्ड विदेशी कम्पनियों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा. ड्रोन टैक्सी इत्यादि के लिए इस्तेमाल होने वाले 300 किलोग्राम तक के ड्रोन की जगह अब 500 किलोग्राम तक के ड्रोन को अनुमति होगी.   


ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल और स्वतंत्र कार्गो कॉरिडर भी बनेगा


ड्रोन की ट्रेनिंग और टेस्टिंग के लिए आधिकारिक ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे. ये स्कूल डीजीसीए से जुड़ा होगा जो ऑनलाईन ड्रोन पायलट लाइसेंस भी जारी करेगा. कार्गो डिलेवरी के लिए एक स्वतंत्र ड्रोन कॉरिडर भी बनाया जाएगा.


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