नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में सटीक निगरानी करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन भारत उपलब्ध कराया है.


‘भारत’ नामक ड्रोन डीआरडीओ की टर्मिनल बॉलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल), चंडीगढ़ द्वारा विकसित किया गया है. इसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी के लिए बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इसे पूर्वी लद्दाख में तैनात किये जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि इसकी तैनाती से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में निगरानी को बढ़ाया जा सकता है. जब यह पूछा गया कि सीमा के अन्य इलाकों में ड्रोन तैनात किया जा सकता है तो सूत्रों ने बताया कि सेना इस पर फैसला करेगी.


क्या है इसकी खासियत...




  • दुनिया का सबके हल्का और फुर्तीला है ड्रोन है भारत

  • नाइट वीजन से लैस है भारत ड्रोन

  • रियल टाइम की वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है

  • बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक करने में सक्षम

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कैमरे से लैस है ड्रोन

  • घने जंगलों में छिपे दुश्मनों को ट्रैक कर सकता है

  • अपनी डिजाइन और टेक्नोलॉजी की वजह से रडार पर नहीं होता डिटेक्ट

  • अत्यधिक ठंडे मौसम में काम करने में सक्षम है


सूत्रों ने कहा कि यह बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है क्योंकि यह झुंड के संचालन में काम कर सकता है. यानि बिना किसी पायलट के ये अपने मिशन को अंजाम तक पहुंचा सकता है.


15 जून की रात हुई थी हिंसक झड़प


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही खबर आई थी कि इस झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान हताहत हुए थे. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इनकार कर रहा था. वहीं, भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सैनिकों की शहादत की खबर को स्वीकार किया था.

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