नई दिल्ली: डोकलाम को लेकर चीन से तनातनी के बीच भारत को जापान का समर्थन मिला है. जापान ने डोकलाम में भारतीय सेना की तैनाती को सही ठहराया है. जापान ने कहा है कि भारत, चीन औऱ भूटान को बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाना चाहिए. जापान पहला देश है जिसने डोकलाम विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है.


जापान ने कहा है कि किसी भी देश को जोर-जबर्दस्ती से इलाके की स्थिति में बदलाव की कोशिश नहीं करनी चाहिए.


भारत में जापान के एम्बेसडर केनजी हिरामात्सु ने कहा,  "हम मानते हैं कि डोकलाम भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है और दोनों देश बातचीत कर रहे हैं. हम ये भी समझते हैं कि भारत की भूटान के साथ एक ट्रीटी है और इसी वजह से भारतीय सैनिक इलाके में मौजूद हैं."


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हिरामत्सू ने आगे कहा, ‘’विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत समाधान खोजने के लिए चीन के साथ राजनयिकों के माध्यम से बातचीत जारी रखेगा. हम शांतिपूर्ण समाधान के प्रति इस दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण मानते हैं.’’


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इस मामले को लेकर चीन के एक्सपर्ट काशी राम शर्मा का कहना है कि चीन हमेशा भारत को चुनौती देता है. चीन अपने पड़ोसी देशों में डर का माहौल पैदा करना चाहता है. भारत के वियतनाम और ताईवान से अच्छे संबंध है. इसलिए भारत को इन देशों से और अच्छे संबंध बनाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इन देशों से हमारा आर्थिक पहलू तो मजबूत है लेकिन राजनयिक पहलू कमजोर है.

वहीं, एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में पूर्व राजनयिक विकेट काटजू ने कहा है कि जापान की तरफ से भारत का समर्थन करना राजनयिक पहलू से बहुत अच्छा संकेत है. चीन और जापान के संबंध तनावपूर्ण रहते हैं, इसके बावजूद जापान का इस तरह से खुलकर सामने आना और भारत का सर्मथन करना चीन की निंदा है.


क्या है पूरा विवाद?


दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.


इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.