नई दिल्ली: अगर आप दिल्ली में हैं और किसी ठेले से खरीदकर पानी पीते हैं तो एक बार आपको अपनी सेहत के बारे में जरूर सोचना चाहिए. नॉर्थ डेल्ही म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस साल कुल 572 पानी के ठेलों का सैंपल लिया जिसमें से एक भी सैंपल पीने लायक नहीं साबित हुआ. एनडीएमसी उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली में पानी से होने वाली बीमीरियों के लिए जवाबदेह संस्था है.


बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी के सामने रिपोर्ट पेश करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि किसी भी ठेले का पानी जरूरी मानकों पर खरा नहीं उतरा है इसलिए सभी ठेला मालिकों पर जुर्माना लगाया गया है. स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षा वीणा विरमानी का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


उन्होंने कहा, "लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा यह एक गंभीर मामला है. मैंने अधिकारियों को लगातार ऐसा करने वालों की पहचान कर उनका लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है."दो रूपये में एक गिलास पानी बेचने वाले ये ठेले दिल्ली के किसी भी इलाके में आसानी से नजर आ जाएंगे.


 बिना लाइसेंस के ठेले पर बेजे जा रहे हैं पानी


एनडीएमसी ने कुल 1,623 लाइसेंस जारी किए हैं. इनमें से कुछ ठेले पानी के साथ-साथ सोडा और नींबू पानी भी बेचते है. सेंट्रल दिल्ली के रामनगर बाजार में ये ठेले बड़े पैमाने पर बनाया जाते हैं. एक अधिकारी का कहना है कि यूपी बिहार से दिल्ली आए लोग बड़ी संख्या में इस धंधे से जुड़े हुए हैं. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के ठेले भी पानी बेचने का काम करते है.


ठेलों पर पानी बेचने वाले अपने हाथ तक नहीं धोते -जज


हाल ही में दिल्ली हाइकोर्ट ने इन ठेलों पर मिलने वाले ठंडे पानी के बारे में चिंता ज़ाहिर की थी और एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस को गैर-कानूनी तरीके से चल रहे इन ठेलों पर कार्रवाही करने को कहा था. चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने कहा था "ठेलों पर पानी बेचने वाले अपने हाथ तक नहीं धोते''.


गंदा पानी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकरक है. इससे पीलिया और डायरिया जैसी बीमारियाँ होने का खतरा रहता है. इस साल एनडीएमसी के एक अस्पताल महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में डायरिया के 378 और कॉलरा के कुल 89 मामले सामने आए जबकि हिंदू राव अस्पताल में कुल 650 मामले सामने आए.