Delhi University News: दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय के केरल बोर्ड के खिलाफ विवादित बयान पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उनकी निंदा की है. प्रोफेसर पांडेय ने दो दिन पहले एक फेसबुक पोस्ट में केरल बोर्ड के लिए 'मार्क्स जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रोफेसर पांडेय की इस टिप्पणी को हास्यास्पद करार दिया है. साथ ही कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने भी आज सुबह 11 बजे प्रोफेसर पांडेय के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है.

  


क्या कहा था राकेश कुमार पांडेय ने


दो दिन पहले की गई अपनी इस फेसबुक पोस्ट में राकेश कुमार पांडेय  ने लिखा था, "एक कॉलेज के 20 सीटों वाले पाठ्यक्रम में 26 छात्रों को केवल इसलिए प्रवेश देना पड़ा क्योंकि उन सभी के पास केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत अंक थे. पिछले कुछ वर्षों से केरल बोर्ड लागू कर रहा है -मार्क्स जिहाद." बता दें कि, एसोसिएट प्रोफेसर पांडे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध शिक्षक संघ नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं. उनके इस फेसबुक पोस्ट पर उनकी लगातार निंदा की जा रही है.


एबीपी न्यूज ने एसोसिएट प्रोफेसर राकेश पांडेय से की एक्सक्लूसिव बातचीत


एबीपी न्यूज ने एसोसिएट प्रोफेसर राकेश पांडेय से एक्सक्लूसिव बातचीत की. प्रोफेसर पांडेय के मुताबिक, केरल बोर्ड द्वारा दिए जा रहे अंकों में जरूर कोई स्कैम है. वो कहते हैं कि "केरल के करीब 26 छात्रों को जिन्हे 100 प्रतिशत मिले थे , उन्हे एडमिशन दिया गया लेकिन ये बात हजम नही होती कि इसके पीछे कोई मकसद नहीं है. सरकार के विरुद्ध एजेंडा शुरू करने की कोशिश की जा रही है. जो हाल जेएनयू का हुआ है वैसा ही डीयू में करने की साजिश की जा रही है. सरकार के खिलाफ एक टीम तैयार की जा रही है. केरल से आने वाले ज्यादातर छात्र मुस्लिम ही हैं, वहां मुस्लिमों की अच्छी तादात है. साथ ही लेफ्टिस्ट और जिहादी एक दूसरे से अलग नहीं हैं, ना ही इनमें कोई फर्क है." 


थरूर ने बताया हास्यास्पद 


कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल के शिक्षा बोर्ड के खिलाफ 'मार्क्स जिहाद' संबंधी टिप्पणी की ना सिर्फ निंदा की है बल्कि इसे हास्यास्पद भी करार दिया है. साथ ही कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने भी सुबह 11 बजे प्रोफेसर पांडेय के खिलाफ विवादास्पद बयान पर प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है


दिल्ली विश्वविद्यालय ने दी सफाई


असिटेंट प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय द्वारा की गई इस टिप्पणी को लेकर अब दिल्ली विश्वविद्यालय ने सफाई देते हुए कहा है कि पहली कट ऑफ लिस्ट में 60,904 उम्मीदवारों ने अलग-अलग कॉलेजों में आवेदन किया है. इनमें से 46,054 सीबीएसई बोर्ड और बाकी देश भर के दूसरे सभी बोर्डों से थे. 7 अक्टूबर 2021 के अंत तक सीबीएसई बोर्ड से 31172, केरल बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन से 2365, बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा से 1540, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन से 1429 और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से 1301 उम्मीदवारों ने सफलतापूर्वक डीयू में दाखिला हासिल किया है.


डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के मुताबिक, "एक केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते, दिल्ली विश्वविद्यालय राज्यों और स्कूल बोर्डों के मुताबिक नहीं बल्कि छात्रों की योग्यता के आधार पर आवेदन स्वीकार करता है और इस बार भी ऐसा ही किया गया है. कुछ बोर्डों के छात्रों के पक्ष में प्रसारित की जा रही झूठी खबरों की डीयू निंदा करता है. डीयू के कॉलेजों, विभागों और केंद्रों में न केवल भारतीय राज्यों से बल्कि विदेशों से भी मेधावी छात्र अध्ययन करने आते हैं, ऐसे में सबको बराबर मौका देना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.


यह भी पढ़ें 


Lakhimpur Kheri Violence: आज SC को स्टेटस रिपोर्ट देगी यूपी सरकार, कोर्ट ने मांगा घटना का पूरा ब्यौरा


गृह मंत्री अमित शाह आज जाएंगे गुजरात, गांधीनगर जिले के एक गांव में करेंगे ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन