Delhi Ordinance Bill: दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) और राज्यसभा के मनोनित सदस्य रंजन गोगोई की टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इसी बीच मंगलवार (8 अगस्त) को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान गोगोई की टिप्पणी का जिक्र किया तो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये उनकी अपनी राय है. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आपके सहयोगी (पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई) ने कहा कि संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत पर चर्चा किया जाना योग्य न्यायशास्त्रीय आधार है. 


कपिल सिब्बल की इस टिप्पणी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ''हम न्यायाधीश नहीं रह जाते हैं तो हम जो भी कहते हैं, वे केवल राय होती है. यह बाध्यकारी नहीं होता.'' 


राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने क्या कहा?
गोगोई ने राज्यसभा में दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, ''केशवानंद भारती मामले पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल (टीआर) अंध्यारुजिना की एक किताब है''


गोगोई ने कहा, “ पुस्तक पढ़ने के बाद, मेरा विचार है कि संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत का एक चर्चा किए जाने योग्य न्यायशास्त्रीय आधार है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा. ''


कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई के संविधान के मूल ढांचे के न्यायशास्त्र पर सवाल उठाने को सोमवार को हैरान करने देने वाला करार दिया. पार्टी ने सवाल किया कि क्या यह संविधान को पूरी तरह से खत्म करने की शुरुआत करने की बीजेपी की चाल है. 


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