नई दिल्ली: देश की राजधानी में ऑक्सीजन की समस्या खत्म होने के बाद अब अस्पतालों में बेड की भी कमी नहीं है. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में अब करीब 50 फीसदी सामान्य और ऑक्सीजन बैड खाली हैं. 15 फीसदी से ज्यादा आइसीयू बेड खाली हैं. इसका मुख्य कारण कोरोना के नए मामलों की संख्या में लगातार कमी होना है. साथ ही एक्टिव केस भी घटे हैं यानी कि बड़ी संख्या में मरीज कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं. 


दिल्ली कोरोना ऐप के मुताबिक, आज सुबह 9:12 बजे तक कुल 6,763 आइसीयू बेड में से 1170 बेड खाली थे. वहीं कुल ऑक्सीजन बेड 24,453 में से 11,119 बेड खाली थे. सामान्य बेड की बात करें तो विभिन्न अस्पतालों 13,450 खाली हैं. दिल्ली में कई बड़े सरकारी अस्पतालों एम्स, लोकनायक, सफदरजंग, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) में भी आइसीयू और ऑक्सीजन बेड खाली हैं. निजी अस्पतालों में सरोज, शांति मुकुंद, डिवाइन, मधुकर रेनबो में भी आइसीयू बेड खाली हैं.


दिल्ली में कोरोना की लहर थमी
दिल्ली में कोरोना के नए मामले मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 5,000 के स्तर से कम रहे. पिछले 24 घंटों में 4,482 मामले दर्ज किए गए, यह 4 अप्रैल के बाद से सबसे कम आंकाड़ा है, जब 4,033 मामले सामने आए थे. राजधानी शहर में भी रोजाना टेस्ट पॉजिटिविटी दर में कमी देखी गई, जो 7 फीसदी से नीचे 6.89 प्रतिशत हो गई. हालांकि, 265 मौतें हुईं, जिससे मरने वालों की संख्या 22,111 हो गई. शहर में इस समय 50,863 एक्टिव मामले हैं. होम आइसोलेशन में कोविड मरीजों की संख्या घटकर 31,197 हो गई है.


पिछले दो हफ्तों से दिल्ली, जो लॉकडाउन में है, वहां रोजाना पॉजिटिव मामलों और पॉजिटिविटी दर में भारी कमी देखी गई है. कोविड महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान 20 अप्रैल को दिल्ली के रोजाना पॉजिटिव मामले 28,395 थे, जबकि सबसे ज्यादा रोजाना पॉजिटिविटी दर 22 अप्रैल को 36 फीसदी थी.


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