Cyclone Tauktae: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात और दीव का दौरा करेंगे और चक्रवात ताउते के कारण हालात और नुकसान की समीक्षा करेंगे. वह सुबह करीब 9.30 बजे दिल्ली से रवाना होंगे और भावनगर पहुंचेंगे, जहां से वे ऊना, दीव, जाफराबाद और महुवा का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. वहां से वापस आकर अहमदाबाद में एक समीक्षा बैठक भी करेंगे. गुजरात में चक्रवात ‘ताउते’ के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी जबकि तूफान की वजह से कई इलाकों में भारी बारिश और नुकसान की खबर है.


गुजरात में भारी बारिश और आंधी से नुकसान


कमजोर पड़ने से पहले सोमवार देर रात गुजरात में दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान के कारण राज्य को भारी बारिश का सामना करना पड़ा और इस दौरान चली तेज रफ्तार आंधी के कारण कई खंभे व पेड़ उखड़ गए और घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा. मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” और बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है.


गुजरात में 13 लोगों की मौत


प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई. चक्रवात के कारण मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 13 का है. अधिकारियों ने कहा कि ताउते की तीव्रता भले ही कमजोर हो गई हो लेकिन यह अपने पीछे विनाश के चिन्ह छोड़ गया जिसमें भावनगर,राजकोट, पाटण, अमरेली और वलसाड समेत गुजरात के विभिन्न इलाकों में कम से कम 13 लोगों की जान चली गई. गुजरात के वेरावल बंदरगाह के निकट चक्रवात के कारण समुद्र में फंसी मछली पकड़ने वाली नौका में सवार आठ मछुआरों को मंगलवार को तटरक्षक बल ने एक अभियान चलाकर सुरक्षित बचाया.


दो बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित बचाया गया


वहीं, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने ताउते के दस्तक देने से पहले मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे दो बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन 390 और लोग अब भी अब भी फंसे हुए हैं या लापता बताए जा रहे हैं. नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था. इनमें 273 लोगों को ले जा रहा 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा 'गल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे. साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे. अधिकारी ने कहा कि अब तक ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद सभी 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 180 लोगों को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा, 'दमन के तटरक्षक वायु स्टेशन से संचालित दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद कर्मियों के बचाया. एक और चेतक हेलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में शामिल किया गया है.'


नौसेना ने झोंकी ताकत


नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, “मुंबई अपतटीय विकास क्षेत्र में मुंबई से 35 समुद्री मील की दूरी पर डूबे बजरे पी-305 के लिये तलाशी व राहत (एसएआर) अभियान में भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस कोलकाता और आईएनएस कोचि्च की मदद के लिये तीन और पोत आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा और आईएनएस तेग को शामिल किया गया है.” उन्होंने कहा कि एक अन्य अभियान में नौसेना के सीकिंग हेलीकॉप्टर ने जीएल कंस्ट्रक्टर के चालक दल के लिये बचाव अभियान शुरू किया और चालक दल के 35 सदस्यों को बचाया. उन्होंने कहा कि तीन पोतों –सपोर्ट स्टेशन-3, ग्रेट शिप अदिति और ड्रिल शिप सागर भूषण के लिये गुजरात के तट पर तलाश और राहत अभियान प्रगति पर है जो गुजरात तट (पीपावाह) से 15-20 समुद्री मील की दूरी पर दक्षिण-पूर्व में हैं. यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है.


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