Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने एक डोमेस्टिक फर्म त्रिवेणी इंटरकेम प्राइवेट लिमिटेड (Triveni Interchem Private Limited) के निदेशक को फाइजर (Pfizer) को दो करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. त्रिवेणी इंटरकेम के निदेशक पर जानबूझकर अदालती आदेशों की अवमानना करने का आरोप है. कोर्ट ने कंपनी को पल्बोसिक्लिब कंपाउंड की बिक्री रोकने का निर्देश दिया गया था, जिसका पेटेंट फाइजर के पास है.


कोर्ट के निर्देश के बाद भी त्रिवेणी इंटरकेम प्राइवेट लिमिटेड ने इसे बेचना जारी रखा. इसी को देखते हुए 24 जनवरी 2023 के आदेश में जस्टिस सी हरि शंकर ने कहा कि भुगतान न करने पर कंपनी के निदेशक कमलेश सिंह को दो हफ्ते तिहाड़ जेल में बिताने होंगे. कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर कमलेश सिंह को फाइजर (Pfizer) को दो करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. 


क्या कहना है फाइजर का?


फाइजर के वकील प्रवीन आनंद के अनुसार त्रिवेणी इंटरकेम प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी अनुमति के अपनी वेबसाइटों और इंडियामार्ट (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म) पर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (API) फॉर्म में पाल्बोसिकलब का विज्ञापन करते हुए पाया गया था. अक्टूबर 2021 में हाई कोर्ट ने फाइजर को अंतरिम राहत दी और त्रिवेणी को विभिन्न स्थानों से सभी लिस्टिंग हटाने का निर्देश दिया था. 


फाइजर ने दायर की थी अवमानना ​​​​याचिका


इसके बाद भी कंपनी ने पाल्बोसिकलिब की बिक्री जारी रखी. इसी को देखते हुए फाइजर ने कंपनी के खिलाफ एक बार फिर हाई कोर्ट में अवमानना ​​​​याचिका दायर की. 7 जुलाई, 2022 को हाई कोर्ट ने पाया कि त्रिवेणी संस्थाएं आदेश की अवमानना ​​कर रही थीं. इसके बाद कंपनी को मामले में जवाब पेश करने के लिए कहा गया. इसके बाद त्रिवेणी संस्थाओं ने बिना शर्त माफी के साथ हलफनामा दायर किया. हालांकि, इसमें भौतिक जानकारी का अभाव था और कोर्ट के आदेश द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया था. 


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