नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खात्मे के लिए देश में कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज देश में कोरोना वायरस को हराने के लिए कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत की. वहीं टीकाकरण के इस अभियान में डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कोरोना की वैक्सीन ली.


देश में कोरोना वायरस का पहला टीका एम्स, दिल्ली के सफाई कर्मचारी मनीष कुमार को लगाया गया है. वहीं इसके बाद एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कोरोना वायरस का टीका लगवाया है. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद रहे. इस दौरान गुलेरिया ने कहा, 'मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका सुरक्षित है. यह प्रभावोत्पादक है. हमें बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करना है और इसलिए हम बहुत अधिक अस्थिर नहीं हो सकते हैं. हमें अपने शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और नियामक अधिकारियों पर भरोसा होना चाहिए.'



उन्होंने कहा, 'हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और हमें पूरा विश्वास है कि यह एक सुगम कार्यक्रम होगा और हम बहुत बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे. जहां तक महामारी का संबंध है, यह अंत की शुरुआत है.'

#WATCH | AIIMS Director Dr Randeep Guleria receives COVID-19 vaccine shot at AIIMS, Delhi. pic.twitter.com/GFvZ2lgfj3





देश में दो कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई है. वहीं रणदीप गुलेरिया पहले ही कह चुके हैं कि ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं. गुलेरिया कह चुके हैं कि वैक्सीन लगाकर अपने रिश्तेदार को बचाया जा सकता है तो यह सबसे बेहतरीन होगा, हम सबको ये बात सोचनी चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए कि वैक्सीन के डर से वैक्सीन न लगाई जाए और किसी को आईसीयू में जाना पड़े.


पीएम मोदी ने किया आगाज


वहीं देश में आज कोरोना टीकाकरण अभियान का आगाज करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है. कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी. अब वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है.'


पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी. इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है. भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारे मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है. हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है.


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