नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज समंदर के रास्ते गैर-पारंपरिक खतरों को लेकर आगाह किया. इसलिए बेहद जरूरत है कि समुद्री-सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों को आपसी ताल मेल और समन्वय के साथ सचेत रहने की जरूरत है.


रक्षा मंत्री शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोवा में कोस्टगार्ड के तीन जहाजों की कमीशिंग के मौके पर बोल रहे थे. 'सचेत' नाम के जहाज और दो इंटरसेप्टर-बोट्स के शामिल होने से कोस्टगार्ड के बेड़े में अब कुल 150 जहाज हो गए हैं.


इस मौके पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इन तीन जहाज के शामिल होने से कोस्टगार्ड हमारे देश की समुद्री-सीमाओं को आतंकवाद, स्मैगलिंग, ड्रग-तस्करी से सुरक्षित रखने के साथ साथ सर्च एंड रेस्कयू ऑपरेशन में एक अहम भूमिका निभाएंगे.



आपको बता दें कि कोस्टगार्ड (यानि तटरक्षक-बल) की जिम्मेदारी देश के तटों सहित समंदर में देश के एक्सक्लूजिव इकनोमिक जोन (ईईजेड) की सुरक्षा की होती है. एसईज़ेड कोस्टलाइन से लेकर समंदर में 200 नॉटिकल मील तक होती है. इसके आगे के गहरे समंदर की सुरक्षा नौसेना की होती है. जबकि तटों की सुरक्षा के लिए राज्यों की मरीन-पुलिस भी तैनात रहती है. बंदरगाहों की जिम्मेदारी सीआईएसएफ और डीएससी (डिफेंस‌ सिक्योरिटी कोर) की होती है. इतनी एजेंसियां होने के चलते ही रक्षा मंत्री सभी सुरक्षा-एजेंसियों को आपसी तालमेल और समन्वय पर जोर दे रहे थे.



शुक्रवार को जिन तीन जहाज की कमीशिंग कोस्टगार्ड में हुई हैं, उनमें 'आईसीजी सचेत' को गोवा शिपयार्ड ने तैयार किया है. इस जहाज पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग भी हो सकती है. जबकि सी-450और सी-451 और फास्ट स्पीड बोट्स हैं और दोनों को एलएंडटी कंपनी ने हजीरा (गुजरात) में तैयार किया है. कोस्टगार्ड के इस समय अलग अलग शिपायर्ड में करीब 40 जहाज बन रहे हैं.


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