India Towards Defence Hub: भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. देश की सुरक्षा से संबंधित हथियारों (Indian Weapons) और लड़ाकू विमानों (Fighter Jet) का जो भारत पहले सिर्फ आयात कर रहा था, अब दूसरे देशों को बेचने की स्थिति में है. पिछले कुछ वर्षों से भारत (India) हथियारों के उत्पादन करने और उसके निर्यात पर काफी जोर दे रहा है. भारत का स्‍वदेशी फाइटर जेट विमान तेजस (Tejas) पूरी दुनिया में छा गया है. अमेरिका से लेकर कई बड़े देश इसे खरीदने को लेकर दिलचस्पी ले रहे हैं.


भारत की डिफेंस तकनीक का दुनिया लोहा मान रही है. अमेरिकी नौसेना का जहाज इंडिया में रिपेयर के लिए आना मेक इन इंडिया के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है. फिलीपींस सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए भारत के हल्के हेलीकॉप्टर को पसंद कर रहा है. 


डिफेंस तकनीक में आगे बढ़ रहा भारत


भारत पिछले कुछ सालों से हथियारों के अपने देश में ही निर्माण पर जोर दे रहा है. हथियारों से लेकर हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमानों के निर्यात करने पर जोर दिया जा रहा है. अमेरिका को दुनिया सुपरपावर मानती है, वो भी भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस में दिलचस्पी दिखा रहा है. अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में दिलचस्पी दिखाई है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) चीन के साथ लगती सीमाओं पर निगरानी के लिए एआई संचालित मल्टी रोल ड्रोन (Multi Role Drone) विकसित कर रहा है.


मेक इन इंडिया को बढ़ावा


ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की 3 बैट्री की खरीद के लिए 30.75 करोड़ डॉलर के सौदे पर मुहर लगाने के कुछ महीने बाद फिलीपींस अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए भारत से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर खरीदने पर विचार कर रहा. देश मे पहली दफा किसी विदेशी नौसेना का जहाज रिपेयर के लिए चेन्नई पहुंचा. अमेरिकी नौसेना ने एक डील के तहत अपने यूएसएनए चार्ल्स ड्रियू जहाज को रिपेयर करने के लिए चेन्नई के कट्टूपल्ली स्थित एलएंडटी कंपनी के शिपयार्ड भेजा है. इन सारी गतिविधियों से मेक इन इंडिया को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना नजर आ रही है.


डिफेंस हब की ओर बढ़ रहा भारत!


हाल के कुछ सालों में भारतीय कंपनियों को मिले कई अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर के साथ भारत खुद को एक उभरते हुए रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है. एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी यानी डिफेंस एक्सपो इस बार गुजरात के गांधीनगर में आयोजित होगा. 18 से 22 अक्टूबर के बीच आयोजित किए जाने वाले डिफेंस एक्सपो के जरिए भारत खुद को डिफेंस हब के रूप में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है. 


डिफेंस एक्सपो में दिखेगी आत्मनिर्भर भारत की झलक


डिफेंस एक्सपो-2022 (Defence Expo 2022) रक्षा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और 2025 तक 5 बिलियन डॉलर का निर्यात प्राप्त करने के पीएम मोदी (PM Modi) की परिकल्पना के अनुरूप है. डिफेंस एक्सपो में आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के विजन की झलक देखेगी. ये डिफेंस एक्सपो का 12वां संस्करण होगा. डिफेंस एक्सपो-2022 में, प्रतिभागियों को अपने उपकरणों और प्लेटफार्मों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक साझेदारी बनाने के लिए भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की ताकत और क्षमताओं का पता लगाने में भी मदद मिलेगी. साबरमति रिवर फ्रंट में सशस्त्र बलों, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और उद्योग के उपकरण और कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा. 


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